जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा घर तो मचा कोहराम

ट्रेनिंग के दौरान हैदराबाद में दौड़ लगाते समय हुआ निधन

कानपुर : ट्रेनिंग के दौरान हैदराबाद में एक जवान की तबियत बिगड़ने के बाद उसका निधन हो गया। मंगलवार को जवान का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके आवास बिधनू पहुंचा, जिन्दाबाद के नारे से पूरा गांव गूंज उठा। जवान के आकस्मिक निधन की सूचना मिलते ही राजनेताओं के साथ ही प्रशासनिक अमला पहुंचा और पुष्प अर्पित कर परिजनों को ढांढस बंधाया। बिठूर विधानसभा के बिधनू ब्लॉक के ग्राम गढ़ेवा मोहसिनपुर में रहने वाले सुग्रीव सिंह यादव के बेटे राजबहादुर यादव (37) आर्मी में हवलदार थे। सन् 2000 में सेना में भर्ती होकर वह बीते 17 सालों से देश की सेवा कर रहे थे और इन दिनों लखनऊ में तैनात थे। दो माह पूर्व पदोन्नति के बाद वह आंध्र प्रदेश के हैदराबाद स्थित सिकंदराबाद ट्रेनिंग करने गए थे।

जानकारी के मुताबिक 14 सितम्बर की सुबह जवान पांच किलोमीटर की दौड़ करके जैसे ही रुके उन्हें उल्टियां शुरू हो गईं। तबियत बिगड़ने पर बिना समय गवांये उन्हें आर्मी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां पर उनकी सांसें थम गई। शनिवार रात मुख्यालय से आए फोन के बाद बिधनू में रहने वाले परिवारजनों को मामले का पता चला। शहीद जवान के भाई रमन के मुताबिक सेना के ईएमई कोर में वह लखनऊ में हवलदार के पद पर तैनात थे। परिवार में पत्नी मोनी और तीन बेटे अंशुल, अनुज व यश हैं। परिवार में चार भाई और तीन बहनें हैं। भाइयों में एक भाई और भी आर्मी में जवान है। पिता सुग्रीव सिंह यादव गांव में रहकर खेती किसानी करते हैं।

जवान राजबहादुर यादव का पार्थिव शरीर जैसे ही मंगलवार को उनके आवास पहुंचा परिवारीजनों में कोहराम मच गया। पत्नी मोनी बेसुध होकर अपने पति के शव से लिपटकर रोने लगती, तो कभी अपने बच्चों को सीने से लगा लेतीं। इस दौरान रिश्तेदारों ने उन्हें संभाला। परिवारजन 72 घंटे से जवान के शव का इंतजार कर रहे थे। शहीद जवान की बहन ने बताया कि अंतिम बार वह 21 जुलाई को घर आए थे और सात अगस्त को वापस गए थे। पिछले रविवार को उनकी मोबाइल पर बात हुई थी। बातों के दौरान उन्होंने कहा था कि वह जल्द ही ट्रेनिंग पूरी कर छुट्टी पर घर आएंगे, इसके बाद उनसे बात नहीं हो सकी।

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