एनएच 74 मुआवजा घोटाले में निलंबित पीसीएस तीरथ पाल ने आज एसआइटी के समक्ष सरेंडर कर दिया। इसके बाद पुलिस पूछताछ को उसे गुप्त स्थान पर ले गई। पुलिस के मुताबिक इसके बाद उसे नैनीताल कोर्ट में पेश किया जाएगा।
गदरपुर तहसील की जांच में बैक डेट पर 143 के 3 मामले में निलंबित पीसीएस तीरथ पल के हस्ताक्षर मिले थे। इस पर पुलिस ने उसकी तलाश में देहरादून में दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिले। सोमवार को तीरथ ने एसआइटी ऑफिस पहुंचकर सरेंडर किया।
करीब 300 करोड़ का है एनएच-74 मुआवजा घोटाला
मार्च 2017 में तत्कालीन आयुक्त कुमाऊं ने एनएच-74 मुआवजा घोटाले की आशंका जताई। इस पर 11 मार्च को एडीएम प्रताप सिंह शाह की तहरीर पर सिडकुल चौकी में केस दर्ज हुआ था। इसके बाद एसआइटी का गठन कर जांच शुरू की गई। तब से एसआइटी जसपुर, बाजपुर, काशीपुर, रुद्रपुर, गदरपुर, सितारगंज, किच्छा तहसील के 345 से अधिक काश्तकारों से पूछताछ कर चार पीसीएस अधिकारी समेत 18 आरोपितों को जेल भेज चुकी है। साथ ही दो पीसीएस समेत 12 आरोपितों के खिलाफ 5804 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल कर 211 करोड़ रुपये के घोटाले की पुष्टि कर चुकी है। एसआइटी सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में रुद्रपुर, गदरपुर, किच्छा तहसील के साथ ही बाजपुर तहसील के कुछ मामलों की जांच जारी है।
प्रभारी तहसीलदार को कोर्ट में पेश करने को पुलिस नैनीताल रवाना
तीन मामले में बैक डेट पर 143 करने के आरोपी बेरीनाग के प्रभारी तहसीलदार को एसआईटी ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के लिए नैनीताल ले गई। बता दें कि गदरपुर में 2015 में कानूनगो रहे रघुवीर सिंह ने बैक डेट पर 3 मामलों में 143 की रिपोर्ट लगाई थी। इसमें एक किसान को दो करोड़ का मुआवजा भी मिला था, जबकि घोटाले की पुष्टि होने पर 2 किसानों का मुआवजा रोक दिया गया था। इस पर पुलिस ने रविवार को रघुवीर को गिरफ्तार कर लिया था। सोमवार को उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने मेडिकल कराया। बाद में पुलिस उससे लेकर नैनीताल कोर्ट में पेश करने के लिए ले गए।