आंकड़े बताते हैं कि सोना एक ऐसा निवेश है, जिसमें अगर निवेशक के पास धैर्य हो तो निवेश करने के साथ ही मुनाफे की गारंटी भी मिल जाती है। अगर पिछले 10 दशकों में सोने की कीमतों का आकलन करें, तो चौंकाने वाले आंकड़े मिलते हैं। साल 1929 में सोने की कीमत मात्र 18 रुपये प्रति 10 ग्राम रही थी, जो अब 40,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक पहुंच चुकी है। इस तरह पिछले सौ सालों में सोने की कीमत 2,222 गुना बढ़ गई है। यह आंकड़ा बताता है कि सोने की कीमत 1-1 दशक में कई गुना बढ़ गई। आने वाले समय में भी सोने में बड़ी तेजी आने के आसार नजर आ रहे हैं। आइए जानते हैं कि सोने की कीमतों का सौ सालों का क्या इतिहास रहा है।
दशक दर दशक आकलन करें, तो सोने की कीमतों में वृद्धि काफी असमान नजर आती है। पिछले सौ सालों के अंदर सोने की कीमत में 1969 से 1979 के बीच सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। इस दशक में सोने की कीमत पांच गुना से अधिक बढ़ गई। वहीं, सोने की कीमतों में सबसे कम बढ़त 1949 से 1959 के बीच हुई है। इस दशक में सोने की कीमत करीब 8 रुपये प्रति दस ग्राम ही बढ़ पायी। आइए जानते हैं कि पिछले 10 दशक में सोने की क्या कीमतें रही हैं।
आज से सौ साल पहले यानी साल 1929 में सोने की कीमत सिर्फ 18 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस-पास थी। इसके बाद 1939 में यह करीब दोगुनी होकर 32 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। इसके बाद 1949 में सोने की कीमत रही 94 रुपये प्रति 10 ग्राम, जो कि करीब 3 गुना बढ़ गई। इसके बाद 1959 तक सोने में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हो पायी और इसका दाम उस समय 102 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा। साल 1969 तक सोने की कीमत बढ़ते हुए 176 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच चुकी थी।
इसके बाद साल 1969 से 1979 के बीच सोने में बेशुमार तेजी आई, जिसकी बदौलत सोना 176 रुपये से बढ़कर 10 साल में 937 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। अगले 10 सालों में सोने का भाव करीब साढ़े तीन गुना बढ़ा और 1989 में 3,140 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। इसके अगले 10 सालों में भाव में कुछ खास बढ़ोतरी नहीं हुई और कीमत 1999 में पहुंची 4,234 रुपये प्रति 10 ग्राम पर। इसके बाद नए 10 सालों में सोना की कीमत साढ़े तीन गुना बढ़ी और 2009 आते-आते 14,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। 2009 के बाद अब 2019 आते-आते सोने का भाव पौने तीन गुना बढ़कर 40,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को छू गया है।
अभी और बढ़ सकते हैं सोने के दाम
इस समय सोने की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी का प्रमुख कारण यूएस-चाइना ट्रेड वॉर बना हुआ है। इसका प्रभाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों के शेयर बाजारों पर पड़ा है। चाहे अमेरिका हो, जापान हो या चीन, सभी के शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज हुई है। इस कारण शेयर मार्केट से निराश निवेशकों के लिए सोना सेफ हैवन बना हुआ है और वे लगातार सोने में निवेश कर रहे हैं। वर्तमान में सोने के भाव बढ़ने का दूसरा कारण कई देशों के रिज़र्व बैंकों द्वारा सोने की खरीद किया जाना भी है। यूएस-चाइना ट्रेड वॉर से भारत समेत दुनिया के कई देशों की करंसी दबाव में है। अर्थात वे अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुई हैं। ऐसे में इन देशों के केंद्रीय बैंक अपनी करंसी पर दबाव घटाने के लिए सोना खरीद रहे हैं। यही कारण है कि सोने की कीमतें आसमान छू रही हैं।
इन सबके बावजूद अच्छा निवेश नहीं है सोना
वैल्यू रिसर्च के CEO धीरेंद्र कुमार बताते हैं कि लॉन्ग टर्म के लिए सोना अच्छा निवेश नहीं है। वह इसलिए क्योंकि यह नियमित आय नहीं देता है और लॉकर में ही पड़ा रहता है। उन्होंने बताया कि जब भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनिश्चितता आती है, तो सोने के दाम बढ़ जाते हैं। उन्होंने बताया कि 2016 से पहले के 3-4 सालों में सोने में गिरावट भी देखने को मिली थी, जो सोने के निवशकों के लिए बुरा समय था।