नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार देर शाम रूस की दो दिनों की यात्रा पर रवाना हो गए, जहां वह ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम और भारत-रूस वार्षिक शिखरवार्ता में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री व्लादिवोस्तक जाएंगे और वह रूस के सुदूर-पूर्व क्षेत्र की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे। प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा से पूर्व जारी एक संदेश में कहा कि वह 4-5 सितम्बर को रूस के व्लादिवोस्तोक के दौरे पर रहेंगे। रूस के सुदूर-पूर्व क्षेत्र का यह दौरा मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को और सुदृढ़ करने एवं इसमें विविधता लाने की दोनों ही पक्षों की आकांक्षा को रेखांकित करता है। प्रधानमंत्री के दौरे के दो उद्देश्य हैं– रूसी संघ के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आमंत्रण पर ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम की 5वीं बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेना और उनके साथ 20वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शिरकत करना। यह फोरम रूस के सुदूर-पूर्व क्षेत्र में कारोबारी एवं निवेश अवसर बढ़ाने पर फोकस करता है और इस क्षेत्र में भारत व रूस के बीच घनिष्ठ एवं पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग के विकास की असीम संभावनाएं प्रस्तुत करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दोनों देशों के बीच संबंध बड़े ही सौहार्दपूर्ण हैं, जो हमारी विशिष्ट एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की मजबूत नींव पर आधारित हैं। दोनों देश रक्षा व असैन्य परमाणु ऊर्जा के सामरिक क्षेत्रों और अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोगों में व्यापक रूप से सहयोग करते हैं। हमारे बीच व्यापार एवं निवेश संबंध अत्यंत सुदृढ़ और विकासोन्मुख हैं।’ उन्होंने कहा, ‘एक बहुध्रुवीय दुनिया को बढ़ावा देने की इच्छा हमारी मजबूत साझेदारी के लिए एक पूरक है और दोनों देश इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए क्षेत्रीय एवं बहुपक्षीय फोरम में आपस में घनिष्ठतापूर्वक सहयोग करते हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी द्विपक्षीय साझेदारी के सभी पहलुओं के साथ-साथ आपसी हित के क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करने के लिए आशान्वित हैं। वह पूर्वी आर्थिक फोरम में शिरकत करने वाले अन्य वैश्विक राजनेताओं के साथ बैठक करने और इसमें भाग लेने वाले भारतीय उद्योग एवं कारोबारी जगत के प्रतिनिधियों के साथ संवाद करने की भी उम्मीद कर रहे हैं।