इस्लामाबाद : पाकिस्तान भले ही भारत को परमाणु युद्ध की धमकी दे रहा है, लेकिन उसकी माली हालत बहुत खराब है। देश का राजकोषीय घाटा बढ़कर जीडीपी का 8.9 प्रतिशत हो गया है जो ऐतिहासिक है। हालांकि पिछले साल यह घाटा 6.6 प्रतिशत था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में पाकिस्तान के सार्वजनिक व्यय में कोई वृद्धि नहीं हुई है और वह स्थिर है, जबकि राजकोषीय घाटा बढ़ गया है क्योंकि उसका राजस्व घट गया है। दरअसल, यह चिंताजनक स्थिति है जो पाकिस्तान को आगे बढ़ने से रोक रहा है।
विदित हो कि पाकिस्तान सरकार ने इस साल जून महीने में राजकोषीय घाटा को 7 प्रतिशत तक रखने की घोषणा की थी। इससे पहले राजकोषीय घाटा को 4.7 प्रतिशत रखने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन सरकार स्थिति को नियंत्रित नहीं कर पाई। बहरहाल चालू बाजार दर पर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 38.6 खरब रुपये की है, लेकिन राजकोषीय घाटा में जितने प्रतिशत की वृद्धि होगी, अर्थव्यवस्था उतनी ही पिछड़ेगी। समाचार पत्र डॉन के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को देश के राजकोषीय स्थिति के बारे में विस्तृत आंकड़े जारी किए जिसमें राजकोषीय घाटे को 3.44 खरब रुपय या जीडीपी का 8.9 प्रतिशत दर्शाया गया है। यह साल 1979-80 के बाद से सर्वाधिक है।