1952 में पहली बार स्थापित किया गया अशोक स्तंभ, दोबारा होगा लोकार्पण
मुंबई : स्वतंत्रता संग्राम की स्मृति में लगभग 67 वर्ष पूर्व ठाणे शहर में स्थापित किया गया अशोक स्तंभ जो क्षतिग्रस्त हो गया था उसे फिर से स्थापित किया जायेगा । करीब 32 फुट ऊंचा नया अशोक स्तंभ रविवार को ठाणे जिलाधिकारी कार्यालय के समीप कोर्ट नाका में रविवार को अपने पुराने स्थान पर रख दिया गया है जिसका लोकार्पण शीघ्र किया जायेगा । उल्लेखनीय है कि ठाणे शहर में यह अशोक स्तंभ सन 1952 में पहली बार स्थापित किया गया था, लेकिन साल 1982 में एक ट्रक की टक्कर से यह क्षतिग्रस्त हो गया था। क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद मनपा प्रशासन ने उसे हटा दिया था। आज रविवार को यह स्तम्भ नए सिरे से निर्मित कर पुन: उसी जगह पर लाया गया है। ठाणे से भाजपा विधायक संजय केलकर ने बताया कि अगले 10-15 दिनों में अशोक स्तंभ का लोकार्पण किया जाएगा।
विधायक केलकर ने बताया कि अशोक स्तंभ की स्थापना के संदर्भ में ठाणे महानगर पालिका प्रशासन के साथ लगातार 10 वर्ष से वे संपर्क में थे। उन्होंने कहा कि यह स्तंभ उनकी विधायक निधि से बनाया जरूर गया है, लेकिन इसमें ठाणे महानगर पालिका प्रशासन की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। इस स्तंभ के साथ ही ठाणे जिले की प्राचीन धरोहरों को भी संरक्षित करने का काम हो रहा है। इस स्तंभ को ठाणे जिले के भिवंडी में एक वर्ष से बनाया जा रहा था। करीब 32 फुट ऊंचे इस नए अशोक स्तंभ को मूर्तिकार श्रेयस खानविलकर ने गढ़ा है। इसे सात विभिन्न धातुओं से निर्मित किया गया है। अशोक स्तम्भ के एक तरफ संविधान की कृति तथा दूसरी तरफ तिरंगे झंडे की कृति उकेरी गई है। इस पर करीब 60 लाख रुपये की लागत आई है। निर्माण की राशि में ठाणे मनपा तथा विधायक संजय केलकर की विधायक निधि का संयुक्त सहयोग शामिल है| मूर्तिकार श्रेयस खानविलकर का दावा है कि लगभग आगामी पचास वर्ष तक यह स्तम्भ इसी तरह सुरक्षित रहेगा और चमक बनी रहेगी।