प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में एक इंटरव्यू में कहा कि भारत 4 दशक से सीमा पार आतंकवाद की मार झेल रहा है. भारत और यूएई का यह सामान्य हित है कि जो ताकतें मानवता के खिलाफ काम कर रही हैं और आतंकवाद को पनाह दे रही हैं, उन्हें अपनी नीतियां छोड़नी होंगी. पीएम मोदी ने इंटरव्यू में कहा कि हमने आतंकवाद के खिलाफ जो कदम उठाए हैं, यूएई ने उन्हें समझा है. साझा सुरक्षा को लेकर हमारा जबरदस्त सहयोग है.
पीएम मोदी ने कहा कि जहां तक आर्टिकल 370 की बात है तो हमारे आंतरिक कदम पूरी तरह लोकतांत्रिक और पारदर्शी हैं. इन्हें जम्मू-कश्मीर का अकेलापन दूर करने के लिए लाया गया है, जिससे वह विकसित नहीं हो पाया और कुछ लोगों के हितों को उससे फायदा होता था. इस अकेलेपन के कारण कई युवा बहक गए और आतंकवाद व हिंसा का रास्ता अपना लिया. पीएम ने कहा, हम इन प्रवृत्तियों को अपने समाज में कोई पैर जमाने नहीं दे सकते और हमें पूरे देश के विकास और प्राथमिक कार्यों से विचलित कर सकते हैं.