डॉलर के मुकाबले रुपये में जारी गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है. शुक्रवार को एक बार फिर रुपया डॉलर के मुकाबले 69 के पार पहुंच गया है. शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले 8 पैसे गिरकर 69.03 के स्तर पर पहुंचा है. रुपये में आई इस गिरावट के लिए डॉलर का मजबूत होना और कच्चे तेल की कीमतों हो रही बढ़ोतरी को वजह माना जा रहा है.
विदेशी मुद्रा के डीलर्स के मुताबिक रुपये में यह बड़ी गिरावट है. उन्होंने बताया कि रुपये में आ रही इस गिरावट के लिए अमेरिकी मुद्रा की मांग बढ़ना है. इसके अलावा रुपये ने आज सुबह शुरुआत भी हल्की की थी.
गुरुवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 21 पैसे गिरकर 68.95 के स्तर पर बंद हुआ. विदेशी निवेशकों की तरफ से फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPIs) के तहत निवेश किए गए अपने 159.37 करोड़ के शेयर गुरुवार को बेच दिए.
पिछले कई दिनों से रुपये में डॉलर के मुकाबले उतार-चढ़ाव जारी है. इससे पहले 28 जून अथवा गुरुवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 28 पैसे गिरकर 68.89 प्रति डॉलर के स्तर पर खुला. शुरुआती कारोबार में रुपये में गिरावट बढ़ती गई और यह डॉलर के मुकाबले 69.09 के पर पहुंच गया.
यह रुपये में आई अब तक की सबसे बड़ी गिरावट थी. एक तरफ जहां रुपये में लगातार गिरावट बढ़ती जा रही है. वहीं, इसको लेकर वैश्विक वित्तीय फर्म मूडीज का कहना है कि डॉलर के मजबूत होने से भारतीय मुद्रा को ज्यादा खतरा नहीं है.
मूडीज ने 29 जून को एक रिपोर्ट जारी की. इसमें उसने कहा कि भारत के अलावा चीन, ब्राजील, मेक्सिको और रूस की करंसी को डॉलर के मजबूत होने से ज्यादा खतरा नहीं है. मूडीज के मुताबिक ये देश बाहरी पूंजी प्रवाह पर कम निर्भर रहते हैं.