नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के आरोपित पत्रकार तरुण तेजपाल की अपने खिलाफ चल रहे मामलों को निरस्त करने की मांग करने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। तेजपाल ने अपने खिलाफ गोवा में चल रहे मुकदमे को निरस्त करने की मांग की है। 27 नवंबर, 2018 को कोर्ट ने तरुण तेजपाल को राहत देते हुए गोवा में चल रहे मुकदमे की सुनवाई पर लगी रोक बढ़ा दी थी। उसके पहले 9 अप्रैल, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने तरुण तेजपाल को कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था।कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
तेजपाल ने बांबे हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें हाईकोर्ट ने रेप के आरोपों को निरस्त करने की याचिका खारिज कर दी थी। याचिका में तेजपाल ने कहा है कि पीड़ित के बयानों और वीडियो रिकार्डिंग में एकरूपता नहीं है। 6 दिसंबर, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि यौन शोषण मामले में तरुण तेजपाल के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई गोवा की निचली अदालत में जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने बांबे हाईकोर्ट को आदेश दिया था कि तरुण तेजपाल ने केस रद्द करने के लिए जो याचिका दायर की है, उस याचिका पर तीन महीने के अंदर फैसला करें। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को गवाहों के परीक्षण को जारी रखने का आदेश दिया था।