मानसरोवर की यात्रा से लौट रहे तीर्थयात्री नेपाल के नेपालगंज और सिमिकोट में खराब मौसम के चलते फंस गए हैं. इन तीर्थयात्रियों की वहां से निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है. इसके साथ ही चिकित्सा सुविधा और खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि दूतावास ने अपने प्रतिनिधियों को नेपालगंज और सिमिकोट भेजा है, जो वहां फंसे सभी तीर्थयात्रियों के संपर्क में हैं. उनको हर संभव मदद दी जा रही है. उनके वहां रहने और खाने-पीने की बेहतर व्यवस्था की जा रही है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सिमिकोट में चिकित्सा कर्मियों को भेजा गया है, ताकि बुजुर्ग तीर्थयात्रियों को मेडिकल सुविधाएं मिलती सकें और उनके स्वास्थ्य की जांच होती रहे. इसके अलावा इन तीर्थयात्रियों को वहां से निकालने के लिए वैकल्पिक रास्ते पर भी विचार किया जा रहा है. पूरे इलाके में मौसम बेहद खराब है, जिसके चलते तीर्थयात्रियों को निकालना मुश्किल हो रहा है.
स्थानीय एयरलाइंस से अतिरिक्त एयरक्राफ्ट को तैयार रखने के लिए कहा गया, ताकि मौसम साफ होते ही नेपालगंज और सिमिकोट में फंसे तीर्थयात्रियों को जल्द से जल्द निकाला जा सके. इसके अलावा इन तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए दूसरे रूट का भी इस्तेमाल किया जाए. इसके अलावा बीमार लोगों को जल्द से जल्द हेलिकॉप्टर के जरिए निकालने की कोशिश की जा रही है.
वहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने रास्ते फंसे अपने प्रदेश के मानसरोवर तीर्थयात्रियों के बारे में जानकारी ली. चीन-नेपाल सीमा पर करीब 100 तेलुगु तीर्थयात्री हिलसा में फंसे हुए हैं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सहायता मुहैया कराने को कहा है. इन तीर्थयात्रियों ने मेडिकल सुविधा मांगी. इस मामले को लेकर आंध्र प्रदेश के अधिकारियों ने नेपाल सरकार के अधिकारियों से बातचीत की है.