भारत में एनआरआई की टैक्स फाइलिंग उनकी आवासीय स्थिति पर निर्भर करती है। यदि किसी की आवासीय स्थिति (रेजिडेंशियल स्टेटस) ‘भारत का निवासी’ है तो उसकी वैश्विक आय भारत में भी कर योग्य होगी। इसका मतलब यह हुआ की उस व्यक्ति की कमाई, चाहे वह दुनिया में कहीं भी कमाता हो और उसने विदेश में इनकम टैक्स चुका दिया हो, उसे वह आय भारत में अपने टैक्स कम्प्यूटेशन में शामिल करके टैक्स भरना होगा।
इस मामले में तभी राहत मिलती है जब भारत और संबंधित देश ने आपस में ‘डबल टैक्स अवॉयडेंस एग्रीमेंट’ कर रखा हो। लेकिन यदि व्यक्ति एनआरआई स्टेटस में है यानी भारत के अनिवासी श्रेणी में आता है तो उसे केवल भारत में अर्जित आय पर टैक्स चुकाना होगा।
भारत में अर्जित आय का मतलब
1. वेतन से होने वाली आय, जो भारत में या भारत में प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए हुई हो।
2. भारत स्थित रिहायशी प्रॉपर्टी से होने वाली आय।
3. भारत स्थित संपत्तियों के हस्तांतरण पर पूंजीगत लाभ।
4. एफडी से आय या बचत खातों पर मिलने वाला ब्याज।
एनआरआई के लिए, इनमें से किसी भी स्रोत से होने वाली आय कर योग्य होगी, यदि वह 2.5 लाख रुपए से अधिक हो। भारत से बाहर अर्जितआय भारत में कर योग्य नहीं होगी। यह भी ध्यान रखें कि एनआरआई या एफसीएनआर खातों पर ब्याज कर मुक्त होगा, लेकिन एनआरओ खातों पर ब्याज कर योग्य होगा।
एक खास स्थिति
एक वित्त वर्ष के दौरान आय 2.5 लाख रुपए से कम होने पर भी एनआरआई को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना पड़ सकता है। यहमजबूरी तब होगी जब उन्हें टैक्स रिफंड क्लेम करना हो या बिजनेस या रिहायशी प्रॉपर्टी का कोई नुकसान क्लेम करना हो। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए राहुल लंबे समय से अमेरिका में है। वह नौकरी के लिए लांग टीम असाइनमेंट के लिए साल 2009 से ही भारत से बहार है। उसका भारत में एनआरओ बैंक खाते से सालाना 50 हजार रुपए की ब्याज आय होती है। इसके अलावा उसे भारत में एक फ्लैट से 15 हजार रुपए का किराया
मिलता है।
अब सवाल उठता है कि क्या राहुल को टैक्स देना होगा? और क्या उसे टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा? इस मामले में राहुल भारतीय नागरिक है जो नौकरी के काम से अमेरिका में रह रहा है। आयकर अधिनियम के तहत उसे भारत का निवासी तभी माना जाएगा, जब बीते वित्त वर्ष वह भारत में 182 दिन या उससे अधिक समय रहा हो । लेकिन, राहुल ने तो 13 मई 2009 को ही भारत छोड़ दिया था और भारत में कभी एक साल में एक माह से अधिक नहीं रहा।
असल में बीते वित्त वर्ष राहुल ने भारत से बाहर 182 दिन से अधिक बिताया है, लिहाजा वह एनआरआई माना जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि राहुल को भारत में अर्जित आय पर ही टैक्सचुकाना होगा और रिटर्न फाइल करना होगा। उसे अमेरिका में अर्जित आय पर भारत में टैक्स नहीं देना होगा।