कानून-व्यवस्था पर प्रदेश को जमकर फटकारा
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को माल एवेन्यू स्थित प्रदेश कार्यालय पर अवध व पूर्वांचल क्षेत्र के नौ मण्डलों के दायित्वधारी कार्यकर्ताओं को संगठन का मंत्र दिया। बसपा अब जनाधार को बढ़ाने के लिए कार्यक्रम करेगी और पार्टी के भीतर की कमियों को दूर करने का प्रयास करती दिखेगी। पार्टी को उत्तर प्रदेश में मजबूत करने और आगामी चुनावों में जीत हासिल कराने के लिए मायावती अपने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ विभिन्न स्तरों पर समीक्षा कर रही हैं। उन्हे मिशनरी भाव से काम करने की नसीहत दी गई है। मायावती ने अखिलेश के साथ गठबंधन समाप्त करते हुए सपा कार्यकर्ताओं के मिशनरी न होने की बात कही थी, इसके बाद बसपा के कुछ प्रमुख पदाधिकारियों ने पार्टी के भीतर भी इस तरह के मिशनरी कार्यकर्ताओं की कमी की बात मायावती के सामने रखी थी। अब बसपा अध्यक्ष ने इसको गम्भीरता से लिया और हर बैठक में मंत्र देने में लग गई हैं। बसपा के गोरखपुर मंडल के प्रभारी मदन, आजमगढ़ लालगंज मंडल के प्रभारी घनश्याम खरवार समेत प्रमुख प्रभारियों ने आज हुई समीक्षा बैठक में पार्टी अध्यक्ष मायावती को पूर्वांचल की मौजूदा समस्याओं से रुबरु कराया। उन्होंने गरीब, किसान, मजदूर स्तर पर पार्टी के काम को बढ़ाने की बात कही है। मायावती ने बैठक में तमाम पदाधिकारियों की वार्ता सुनने के बाद समीक्षात्मक बिन्दु तय किये।
मायावती ने समीक्षा बिन्दु तय करते हुए कहा कि पूर्वांचल क्षेत्र जहां से प्रधानमंत्री व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री दोनों ही आते हैं, उस पूर्वांचल में गांव, गरीब, किसान सभी का बुरा हाल है तथा इन क्षेत्रों का मजबूरी में पलायन भी लगातार जारी है। इन क्षेत्रों में भी करोड़ों गरीब लोग बेहतर अपराध-नियन्त्रण व कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जनहित व विकास के लिये तरस रहे हैं। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र व यूपी में भाजपा की सरकार होने के बावजूद उनके दिन-प्रतिदिन के जीवन में कोई भी उल्लेखनीय बदलाव नहीं आ पाया है। यह भाजपा सरकार के तमाम वादों व दावों को खोखला साबित करता है। देश की तरह यूपी में भी पूंजी का विकास नहीं होने के कारण प्राइवेट सेक्टर द्वारा हर प्रकार का शोषण लगातार जारी है। आम जनता को दिन-प्रतिदिन के जीवन में मिलने वाली बुनियादी सुविधाओं का दायरा भी लगातार सिमटता जा रहा है। कानून-व्यवस्था के साथ-साथ बिजली, सड़क, पानी, चिकित्सा, शिक्षा, यातायात आदि का बहुत ही बुरा हाल है।