भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा में आई रुकावट के बाद रविवार को श्रद्धालुओं का चौथा जत्था रवाना हुआ. सुरक्षा के सख्त इंतजाम के बीच जम्मू से बेस कैंप के लिए यात्रियों का चौथा जत्था रवाना हुआ. इस जत्थे में करीब करीब 3 हजार अमरनाथ यात्री बेस कैंप की तरफ निकले. उनके साथ 90 गाड़ियां रवाना हुईं. यात्रा तीन दिन बाद बहाल हुई है.
बारिश की वजह से शनिवार को यात्रा को रोक दिया गया था. रविवार को मौसम खुलने के बाद बेस कैंप से यात्रियों को आगे बढ़ने की इजाजत मिली. इस बीच बिना रजिस्ट्रेशन वाले यात्रियों पर कार्रवाई करते हुए उनहें रामबन और बनिहाल में रोक दिया गया है.
जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर 500 गाड़ियां रुकीं
बता दें कि वर्षा से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कल कई स्थानों पर भूस्खलन हुए हैं और पत्थर गिरे हैं. भारी बारिश के बाद भूस्खलन के कारण कई जगह रास्ते बंद हो गए हैं. जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर 500 गाड़ियां रुकी हैं. सरकार ने आदेश जारी किया है कि जवाहर टनल से घाटी की तरफ किसी गाड़ी को एंट्री नहीं दी जाए. अधिकारियों ने समय पर कार्रवाई से यह सुनिश्चित किया कि घाटी को देश के अन्य हिस्से से जोड़ने वाली 260 किलोमीटर लंबी यह सड़क खुली रहे.
अमरनाथ यात्रा के तीसरे दिन शनिवार को 587 श्रद्धालुओं ने पवित्र हिम शिवलिंग के दर्शन किए. एक अधिकारी ने बताया कि भूस्खलन, फिसलन भरे मार्ग और पत्थर गिरने के कारण श्रद्वालुओं की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा को रोक दिया गया था. उन्होंने कहा कि किसी भी तीर्थयात्री को पैदल गुफा मंदिर की ओर बढ़ने नहीं दिया गया, कुछ यात्रियों ने तीर्थयात्रा के लिए हेलीकाप्टर सेवा का इस्तेमाल किया.
पहलगाम में फंसे हजारों तीर्थयात्री
गत 27 जून से ही रूक रूककर हो रही मानसूनी वर्षा के चलते दक्षिण और मध्य कश्मीर के साथ ही राज्य के कई अन्य हिस्सों में बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया गया है. इसके चलते अमरनाथ यात्रा के दो आधार शिविरों गंदेरबल जिला स्थित बालटाल और अनंतनाग जिले के पहलगाम में हजारों तीर्थयात्री फंसे हुए हैं.
लगातार वर्षा के बावजूद दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा के लिए यात्रा 28 जून को तय समय से कई घंटे के विलंब से शुरू हुई. यद्यपि लगातार वर्ष के चलते यात्रा में बार-बार व्यवधान आ रही है. 60 दिवसीय यात्रा का समापन 26 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन होगा.
इस बीच जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा ने सीईओ उमंग नरूला से श्रद्वालुओं को यात्रा की अनुमति देने से पहले मार्ग की स्थिति और मरम्मत कार्यों की नजदीक से निगरानी करने के निर्देश दिए हैं.
जम्मू कश्मीर में बाढ़ जैसे हालात
बाढ़ से जम्मू-कश्मीर के हालात काबू से बाहर होते जा रहे हैं. आजतक ने जम्मू-कश्मीर में बाढ़ की ग्राउंड रिपोर्टिंग की है. जहां पिछले चार दिनों से हो रही बरसात ने तबाही मचाई हुई है. जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में 27 जून से रुक-रुककर बारिश हो रही है. इससे झेलम और तवी नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी है. यहां की छोटी-छोटी नदियां भी गरज रही हैं.
जम्मू में भी तवी नदी फुंफकार रही है. लहरें लगातार किनारों को तोड़ रही है. शनिवार को तवी नदी की बाढ़ में 7 लोग फंस गए. बहाव इतना तेज था कि लहरों में फंसे लोगों के लिए निकल पाना संभव नहीं था. SDRF की टीम ने बचाव ऑपरेशन शुरू किया. ये टीम रस्सी और लाइफ जैकेट लेकर बोट से नदी के उस पार गई. किनारे पर पहुंच कर उसने वहां फंसे लोगों को निकाला.
10 राज्यों में अलर्ट जारी
कुदरत के ब्रेक फेल की वजह से लोगों की मुश्किलें कई गुना बढ़ गयी हैं. सूबे में बाढ़ और बारिश से निपटने के इंतजामों को लेकर राज्यपाल एनएन बोहरा ने एक आपात बैठक बुलाई. सिर्फ जम्मू-कश्मीर ही नहीं देश के ज्यादातर हिस्से बारिश के बेहाल हैं. मौसम विभाग ने आज 10 राज्यों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है. मतलब, आसमानी आफत का खतरा अभी टला नहीं है.