मोदी सरकार जल्द ही पूंजी लागत घटाने और कर्ज आवंटन बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठा सकती है। वह लघु बजत पर ब्याज दर को कम करने का फैसला ले सकती है। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में जल्द ही यह कदम उठा सकती है। रिपोर्ट के अनुसार जुलाई-सितंबर की अवधि के लिए लघु बचत योजनाओं पर ब्याज कम हो सकता है। अगर सरकार यह निर्णय लेती है तो इससे ब्याज दरों में कटौती के असर का दायरा तो बढ़ेगा ही साथ ही पूंजी लागत कम होगी और कर्ज आवंटन की गति भी बढ़ेगी।
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, ब्याज दर को केवल कुछ योजनाओं पर ही कम किया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार ब्याज में 30 से 35 आधार अंकों तक की कटौती हो सकती है। गौरतलब है कि सरकार ने इससे पहले जनवरी-मार्च तिमाही में लघु योजनाओं पर ब्याज दर घटाई थीं।
रिपोर्ट के अनुसार, ब्याज दर में कटौती के संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘यह सरकार निवेश को अधिक से अधिक प्रोत्साहन देने के लिए पूंजी लागत घटाने पर हमेशा जोर देती रही है। भारतीय रिज़र्व बैंक भी नीतिगत दरें तीन बार घटा चुका है, जो सरकार की इस नीति को दर्शाता है। अब ब्याज दर में कटौती का लाभ हर एक सिरे तक पहुंचाने के लिए लघु बचत योजनाओं पर दरो में कमी की जाएगी।’
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनावों के बीजेपी के घोषणापत्र में भी पूंजी लागत कम करने की बात कही गई थी। घोषणापत्र में कहा गया था कि महंगाई कम करने और बैंकिंग सेक्टर को दुरुस्त करने के बाद सरकार पूंजी की वास्तविक लागत कम करने की स्थिति में आ चुकी है।