प्राइवेट एयलाइन कंपनी जेट एयरवेज (Jet Airways) के बंद होने से भारतीय कंपनियों की सीट क्षमता में जो कमी आई थी, वह अगले तीन महीनों में दूर होने की उम्मीद है। इसकी भरपाई निजी विमानन कंपनियां स्पाइसजेट, विस्तारा तथा इंडिगो करेंगी। हालांकि क्षमता की पूरी भरपाई होने में कम से कम तीन महीने का वक्त लग सकता है।
स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह के मुताबिक अगले चार-पांच महीनो में डोमेस्टिक रूटों पर क्षमता की समस्या दूर हो जाएगी। हालांकि अंतरराष्ट्रीय मार्गो पर सीटों की उपलब्धता बढ़ने में थोड़ा ज्यादा वक्त लग सकता है। इस वर्ष अप्रैल-मई के दौरान स्पाइसजेट ने अपने बेड़े में 25 नए विमान शामिल किए हैं। कंपनी के बेड़े में अगले छह महीनों में 35 और विमानों के शामिल होने की उम्मीद है। इनमें से कई विमान जेट एयरवेज के बेड़े वाले होंगे। इससे स्पाइसजेट की सीट क्षमता 80 फीसद बढ़ जाएगी। छह महीनों में विस्तारा और इंडिगो भी अपना बेड़ा बढ़ाएंगी। जुलाई के बाद से डोमेस्टिक रूटों में क्षमता की दिक्कत कम होने लगेगी। जेट एयरवेज के बंद होने से भारतीय एयरलाइन उद्योग की सीटिंग क्षमता में 4.5 अरब अवेलेबल सीट किलोमीटर (एएसके ) की कमी पैदा हुई थी। इसमें से लगभग 2.9 अरब एएसके की भरपाई अप्रैल में ही स्पाइसजेट, विस्तारा और इंडिगो की ओर से कर दी गई थी। अगले तीन महीनों में जेट के बाकी ज्यादातर विमानों का भी स्पाइसजेट और विस्तारा द्वारा अधिग्रहण कर लिया जाएगा।
जहां तक अंतरराष्ट्रीय मार्गो का सवाल है, तो जेट के वाइड बॉडी विमानों की भरपाई भारतीय एयरलाइनों में केवल एयर इंडिया कर सकती है, जो जेट की तरह यूरोप और अमेरिका के लिए उड़ाने संचालित करती है। इंडिगो के पास वाइड बॉडी विमान नहीं हैं। इसलिए अपने यात्रियों को इंटरनेशनल उड़ानों की सुविधा देने के लिए उसने टर्किश एयरलाइंस के साथ कोड शेयरिंग समझौता किया हुआ है। अगले चार माह में केएलएम तथा एयर फ्रांस की योजना भारत के विमानों और उड़ानों में 25 फीसद बढ़ोतरी की है। अक्टूबर में वर्जिन अटलांटिक मुंबई से लंदन के बीच उड़ानें शुरू करने वाली है, जबकि डेल्टा एयरलाइन का मुंबई से न्यूयॉर्क के बीच दिसंबर से उड़ानें शुरू करन की योजना है।