प्रतियोगी छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन, पीसीएस-जे परिणाम रद्द करने की उठाई मांग

प्रयागराज : लोक सेवा आयोग उप्र, प्रयागराज द्वारा 14 जून को घोषित उप्र न्यायिक सेवा सिविल जज मुख्य परीक्षा 2018 में हुई धांधली को लेकर सोमवार को प्रतियोगी छात्रों ने प्रदर्शन किया। प्रतियोगी छात्रों ने रविवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। इसमें पीसीएस-जे परीक्षा की ओर ध्यान आकृष्ट कराने हेतु इस प्रकरण को स्वतः संज्ञान लेकर प्रकरण की जांच कराने का निवेदन किया था। इसके साथ ही कुल नौ बिन्दुओं पर कमियों को दर्शाते हुए ध्यान आकृष्ट कराया था। इसमें अनुक्रमांक 005515 से 005556 के अभ्यर्थियों का क्रम से प्रारम्भिक परीक्षा एवं मुख्य परीक्षा में सफल होना, नवनियुक्त परीक्षा नियंत्रक की शासन द्वारा नियुक्ति के एक दिन पूर्व परिणाम घोषित करना तथा गिरफ्तार परीक्षा नियंत्रक के विरोध में आयोग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा धरना प्रदर्शन कराना आदि बिन्दुओं का हवाला दिया गया है।

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति का कहना है कि एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में जिस प्रेस संचालक को गिरफ्तार किया गया, इस परीक्षा का पेपर भी उसी प्रेस में छपवाया गया। संघर्ष समिति ने सवाल उठाया है कि जब प्रेस मालिक वही, परीक्षा नियंत्रक वही, सचिव वही और कर्मचारी वही तो कोई यह कैसे मान ले कि परीक्षा में धांधली व भ्रष्टाचार नहीं हुई है। एक ही सेंटर के एक कमरे के कुछ अभ्यर्थियों को पहले प्री और फिर मेंस में सफल होना मात्र संयोग नहीं हो सकता। आयोग इस संयोग कहकर भ्रष्टाचार छिपाने का प्रयास कर रहा है।

इस अवसर पर वार्ता करने आए एसीएम द्वितीय सुभाष चन्द्र यादव से प्रतियोगी छात्रों ने बातचीत से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वार्ता उसी से करने का औचित्य है, जहां उनकी बातों को संज्ञान में लिया जाए। उन्होंने एसीएम द्वितीय से कहा कि सचिव सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा का रिजल्ट पीसीएस-जे का परिणाम कार्यवाहक परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति कर जारी कर रहे हों, ऐसे में आपका हस्तक्षेप अपरिहार्य है। परिणाम में भ्रष्टाचार दिखे तो यह अत्यंत चिंताजनक स्थिति है।

 

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com