लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव अपनी बात से तुरत पलट जाते हैं। सुबह उन्होंने जानकारी दी कि राजद के पार्टी कार्यालय में वो छात्र इकाई की बैठक करेंगे। इस जानकारी के बाद जब मीडियाकर्मी और लोग पार्टी कार्यालय पहुंचे तो वो आए ही नहीं। उसके बाद एक मैसेज आया कि वो पार्टी कार्यालय नहीं, बल्कि अपने सरकारी आवास पर ही बैठक करेंगे। बताया जा रहा है कि उनकी तबियत ठीक नहीं होने के कारण ये बदलाव किया गया है।
लोकसभा चुनाव में राजद के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले विधायक तेजप्रताप यादव फिर से पार्टी में सक्रिय होने जा रहे हैं। शनिवार को प्रदेश राजद कार्यालय में वह छात्र इकाई की बैठक करेंगे। इस दौरान छात्र राजद के नए प्रदेश अध्यक्ष के मनोनयन के साथ आगे की रणनीति भी तय करेंगे। हालांकि तेजप्रताप ऐन वक्त पर यूटर्न लेने के लिए जाने जाते हैं। आखिरी वक्त में वह बैठक टाल भी सकते हैं।
लोकसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले जनवरी में तेज प्रताप ने छात्र राजद के संरक्षक पद से इस्तीफा दे दिया था। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने अपने भाई तेजस्वी यादव से अलग राह भी पकड़ी थी। किंतु चुनाव में हार के बाद इफ्तार की दावत में तेजस्वी की अनुपस्थिति में तेजप्रताप की सक्रियता को देखकर माना जा रहा है कि राजद में उनका महत्व अभी कम नहीं हुआ है।
जहानाबाद में राजद के अधिकृत प्रत्याशी सुरेंद्र यादव पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाने के कारण माना जा रहा था कि तेज प्रताप के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी, लेकिन सुरेंद्र यादव की पराजय के बावजूद उन्हें किसी तरह की कार्रवाई के दायरे में नहीं लाया गया। इससे साफ है कि तेज प्रताप की अहमियत पार्टी में आगे भी जारी रहेगी।