रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान 3.0-3.10 फीसद खुदरा महंगाई का पूर्वानुमान लगाया है। इससे पहले अप्रैल की समीक्षा में रिजर्व बैंक ने इस अवधि के लिए खुदरा महंगाई 2.90-3.0 फीसद रहने का अनुमान जताया था।
हालांकि दूसरी छमाही यानी अक्टूबर 19 से मार्च 20 के दौरान खुदरा महंगाई का पुर्वानुमान 3.50-3.80 फीसद से घटाकर 3.40-3.70 फीसद कर दिया गया। रिजर्व बैंक ने दूसरे द्वैमासिक मौद्रिक नीति बयान में कहा, ‘वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान खुदरा महंगाई का रुख कई कारकों से प्रभावित होगा। सबसे पहले, सब्जियों के भाव में गर्मियों के कारण आने वाली तेजी अनुमान से पहले आ गई, हालांकि सर्दियों में इसमें कमी देखने को मिलेगी।’
रिजर्व बैंक ने कहा कि हाल फिलहाल में कई खाद्य पदार्थों के दाम बढ़े हैं। इससे आने वाले समय में खाद्य महंगाई और बढ़ सकती है। आरबीआई की समीक्षा में कहा गया है, ‘इन वजहों से नीतिगत दर में हालिया कटौती के प्रभाव और 2019 में सामान्य मानसून के पूर्वानुमान पर गौर करें तो खुदरा महंगाई के अनुमान को संशोधित कर 2019-20 की पहली छमाही के लिए 3.0-3.10 फीसद और दूसरी छमाही के लिए 3.40-3.70 फीसद कर दिया गया है। इसके साथ ही जोखिम व्यापक स्तर पर संतुलित रहने का अनुमान है।
महंगाई पर रिवर्ज बैंक का अनुमान मानसून को लेकर अनिश्चितता, सब्जियों के भाव में बेमौसम तेजी, कच्चा तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें और घरेलू कीमतों पर इसके असर, भू-राजनीतिक तनाव, वित्तीय बाजार का उथल-पुथल और राजकोषीय परिदृश्य पर आधारित है।