पेरिस: संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक एजेंसी यूनेस्को में इस्राइल के राजदूत ने कहा कि वह अपनी सरकार से संस्था से अलग होने के फैसले पर फिर से विचार करने या कम से कम इसे साल के अंत तक स्थगित करने की सिफारिश करेंगे.
राजदूत कार्मेल शमा हैकोहन का यह बयान मंगलवार को ऐसे समय में आया है, जब कुछ ही समय पहले यूनेस्को की विश्व विरासत समिति ने बहरीन में अपनी बैठक में यरूशलेम के ओल्ड सिटी और हेब्रोन के वेस्ट बैंक शहर पर विवादास्पद प्रस्तावों को एक साल तक के लिए टालने पर सहमति व्यक्त की थी. 2016 में पास प्रस्ताव में कहा गया था कि इस्राइल का यरूशलेम पर कोई अधिकार नहीं है. इसके अलावा टेंपल माउंट और पुराने यरूशलेम को मुसलमानों का पवित्र शहर बताया गया था.
हैकोहन ने यह भी कहा है कि ऑड्रे अजूले के मुखिया बनने के बाद यूनेस्को का माहौल काफी बदल चुका है. पिछले एक साल में संगठन ने इस्राइल के खिलाफ कोई प्रस्ताव पास नहीं किया है. हैकोहन ने कहा कि यूनेस्को छोड़ने के फैसले को बदलना आसान नहीं है, लेकिन यह एक विकल्प हो सकता है.
अमेरिका के तुरंत बाद इस्राइल ने भी पिछले साल संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) छोड़ने का फैसला किया था. यूनेस्को की सदस्यता छोड़ने की प्रक्रिया में एक वर्ष का समय लगता है. दोनों देशों के छोड़ने का यह फैसला 31 दिसंबर 2018 से प्रभावी होगा. इस्राइल ने यूनेस्को पर पक्षपातपूर्ण ढंग से काम करने का आरोप लगाते हुए इसे छोड़ने का फैसला किया था.