Lok Sabha Election 2019 में राजस्थान की सभी 25 सीटों पर कांग्रेस की हार के बाद राज्य सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की मांग तेज हो गई है। राज्य के कांग्रेसी विधायक एवं मीणा समाज के वरिष्ठ नेता पी.आर.मीणा ने हार के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जिम्मेदार बताते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग की है।
मीणा ने कहा कि अशोक गहलोत को हटाकर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए, जिससे की स्थानीय निकाय एवं पंचायत चुनाव में कांग्रेस की जीत हो सके। उन्होंने कहा कि गहलोत के सीएम रहते हुए कांग्रेस को स्थानीय निकाय एवं पंचायत चुनाव में जीत मिलना मुश्किल है।
मीणा ने बुधवार को “दैनिक जागरण” से बातचीत में कहा कि अशोक गहलोत अपने गृह क्षेत्र मारवाड़ में ही जनाधार खो चुके हैंं। वे अपने बेटे को ही चुनाव नहीं जीता सके। इससे पहले राज्य सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों रमेश मीणा और उदय लाल आंजना ने हार के लिए सीएम को जिम्मेदार बताया था। इन दोनों मंत्रियों ने गहलोत की आलोचना करते हुए कहा था कि यदि पायलट सीएम होते तो लोकसभा चुनाव में यह परिणाम नहीं आते।
बुधवार को आधा दर्जन जिला कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों ने भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की मांग की है। हनुमानगढ़ जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के.सी.विश्नोई खुलकर पायलट के पक्ष में लॉबिंग में जुटे है।
सीएम नहीं सुनते विधायकों की बात
मीणा ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए पायलट ने तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ संघर्ष किया, जिसका परिणाम रहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आई, हालांकि जोड़-तोड़ से गहलोत सीएम बन गए। उन्होंने कहा कि अब लोकसभा चुनाव में चुनाव लड़ाने और पार्टी को जीताने की जिम्मेदारी सरकार एवं सीएम की थी, लेकिन इसमें वे फेल साबित हुए।
टोडाभीम से कांग्रेस विधायक मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री विधायकों की बात नहीं सुनते है। गहलोत अपने चहेतों से घिरे रहते हैं । उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले सीएम ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि सचिन पायलट को जोधपुर में उनके बेटे वैभव गहलोत की हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हालांकि विवाद बढ़ने पर मंगलवार शाम गहलोत ने ट्वीट कर सफाई दी थी। कुछ दिन पूर्व केबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया ने अपने विधानसभा क्षेत्र झोटवाड़ा में कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णा पूनिया की हार की जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दिया था, हालांकि बाद में सीएम ने इसे नामंजूर कर दिया।
भाजपा बोली, आपसी फूट से डूब जाएंगे
भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस की सरकार आपसी फूट से ही डूब जाएगी। पांच माह के कार्यकाल में कोई उपलब्धि सरकार की नहीं रही। लोकसभा चुनाव में हारने के बाद कांग्रेस नेताओं में जबरदस्त खींचतान चल रही है।