शहर में टेनरियां जरूर चलेंगी लेकिन औद्योगिक विकास मंत्री ने शर्त रख दी है, जिसे पूरा करने के बाद ही टेनरी संचालित की जा सकती हैं। लखनऊ में बैठक के दौरान औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना के निर्देश के बाद अफसरों ने एक हफ्ते का समय मांगा है और आश्वस्त किया है कि वे पूरी कार्ययोजना बनाकर देंगे।
यह रखी है शर्त
अफसरों को दिए आदेश में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने आदेश दिया है कि टेनरियां संचालित हों लेकिन गंगा में प्रदूषण न जाए, उसके लिए निर्धारित शर्तों को मानना ही पड़ेगा। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जल निगम एक दूसरे पर दोष न थोपें। टेनरी संचालक, जल निगम, बोर्ड के अफसर मिलकर समस्या का समाधान निकालें और जिनके यहां जो कमी है वे दूर करें। अब टेनरी कैसे चलें, इसकी पूरी रिपोर्ट औद्योगिक विकास मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री को दी जाएगी और फिर मुख्यमंत्री तय करेंगे कि टेनरियों का संचालन होगा या नहीं।
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा यह सब
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि टेनरियां कानपुर की शान है। काफी संख्या में लोगों को रोजगार दे रही है। वहीं दूसरी ओर गंगा नदी शहरवासियों की प्यास बुझा रही है। करोड़ों लोगों की आस्थाएं जुड़ी हुई हंै। टेनरियों की बंदी से रोजगार प्रभावित हो रहा है। अगर टेनरियों में प्राथमिक ट्रीटमेंट प्लांट बंद हैं तो उन्हें चालू करवाएं। अवैध रूप से कोई टेनरी न चले। जिसे जितना ड्रम संचालित करने की अनुमति है वह उतने ही उपयोग में लाए। यह सुनिश्चित किया जाए। ट्रीटमेंट प्लांट में कोई दिक्कत है तो उसे दूर कर लें। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने मंत्री को बताया कि अवैध रूप से कारोबार करने वालों पर निरंतर कार्रवाई की जा रही है।
जल निगम रोकेगा ओवर फ्लो
जल निगम को पंपिंग स्टेशनों से ओवर फ्लो को रोकने का निर्देश दिया गया। टेनरियों के दूषित पानी के लिए अलग लाइन बनाई जाए। सीईटीपी और पंपिंग स्टेशनों की निरंतर जांच कराई जाए। किसी भी जगह लाइन फटी न हो। गंगा में बिना शोधन पानी प्रवाहित न किया जाए।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जांचेगा ड्रम
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को टेनरियों के ड्रमों की जांच के निर्देश दिए गए हैं। उसमें उनके यहां प्रोडक्शन, पानी की लागत, डिस्चार्ज की मात्रा अंकित करनी होगी। उनके यहां लगे प्राइमरी ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया जाए।