अमित शाह ने शनिवार को गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाला. गृह मंत्री बनने के तुरंत बाद ही अमित शाह काम में जुट गए. उन्होंने कार्यभार संभालने के बाद पीएम मोदी का उनपर भरोसा जताने के लिए आभार प्रकट किया. इसके साथ ही उन्होंने इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) और खुफिया एजेंसी रॉ के अधिकारियों के साथ बैठक की. रक्षा विशेषज्ञ अमित शाह के गृह मंत्री बनने को पाकिस्तान और कश्मीर के पत्थरबाजों के पक्के इलाज के तौर पर देख रहे हैं. अमित शाह को पीएम मोदी की सरकार के ‘लौह पुरुष’ के रूप में भी देखा जा रहा है.
गृह मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद अमित शाह ने साफ तौर पर कहा कि मुझ पर विश्वास प्रकट करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं. देश की सुरक्षा और देशवासियों का कल्याण मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. पीएम मोदी के नेतृत्व में मैं इसको पूर्ण करने का हरसंभव प्रयास करूंगा.
गृह मंत्री अमित शाह को मंत्रालय के कई विभागों के अधिकारियों ने प्रजेंटेशन दिया. उन्होंने गृह मंत्रालय के बड़े अधिकारियों से मुलाकात भी की. खुफिया एजेंसी आईबी और RAW के प्रमुखों के साथ भी मुलाकात की. जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक भी गृह मंत्री अमित शाह से मिले. उन्होंने इस दौरान कश्मीर घाटी के हालात, अमरनाथ यात्रा की तैयारी और कानून-व्यवस्था की उन्हें जानकारी दी.
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कहा कि हमने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं. यह उनके लिए बड़ा दिन है, वह उस सीट पर बैठे हैं, जिस पर सरदार वल्लभ भाई पटेल (लौह पुरुष) बैठते थे.
सत्यपाल मलिक ने गृह मंत्री अमित शाह को जम्मू-कश्मीर में हालात और प्रदेश में आतंकवाद के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों की जमीनी स्तर की रिपोर्ट से अवगत कराया.
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को राज्य में सुरक्षा हालात के बारे में अवगत कराया. राज्य में फिलहाल राष्ट्रपति शासन है. 15 मिनट चली बैठक के दौरान राज्यपाल ने गृह मंत्री को अमरनाथ यात्रा को लेकर तैयारी के बारे में अवगत कराया. दोनों के बीच विकास के विभिन्न मुद्दों के अलावा कश्मीर घाटी एवं सीमाई क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा हुई. बैठक के बाद मलिक ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने गृह मंत्री के साथ सुरक्षा मामलों और विकास के मुद्दों पर चर्चा की.’’
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि उम्मीद है कि अमित शाह आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने और अवैध प्रवास रोकने की राजग की नीति को प्राथमिकता देंगे. नए गृहमंत्री का तात्कालिक कार्य जम्मू कश्मीर में स्थिति से निपटना होगा, जहां इस वक्त राष्ट्रपति शासन लगा है और उन्हें असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के प्रकाशन से उत्पन्न स्थिति से भी निपटना होगा.