योग गुरु बाबा रामदेव ने जनसंख्या विस्फोट पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सरकार को इस पर अंकुश के लिए कठोर कानून बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जाति, धर्म और संप्रदाय में भेद न करते हुए दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी सुविधाएं बंद कर दी जाएं। ऐसे लोगों को मताधिकार, राशनकार्ड और सरकारी नौकरी से वंचित किया जाना चाहिए। योग गुरु ने जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-ए हटाने की मांग करते हुए कहा कि देश में एक संविधान एक विधान हो।
सोमवार को पतंजलि ग्रामोद्योग न्यास में पतंजलि डेयरी उत्पाद की लॉन्चिंग के बाद मीडिया से बातचीत में योग गुरु ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर का जल्द निर्माण हो, यह जनभावना है। उन्होंने कहा कि इस पर फैसला सरकार को नहीं, सुप्रीम कोर्ट को करना है। कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता समिति का समय बढ़ाया है। यह ठीक नहीं है। बाबा रामदेव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बेखौफ होकर फैसला करे। इससे देश में माहौल नहीं बिगड़ने वाला। उन्होंने कहा कि जो लोग ऐसी बात फैला रहे हैं, वे देश का माहौल को ठीक नहीं रहने देना चाहते। बाबा ने कहा कि समिति की रिपोर्ट आते ही सुप्रीम कोर्ट को जल्द से जल्द फैसला दे देना चाहिए। कहा कि ‘रही बात कानून-व्यवस्था की तो उसे सरकार और मोदी जी संभाल लेंगे।’ साथ ही जोड़ा कि ‘हालांकि मुझे नहीं लग रहा कि मध्यस्थता समिति इस मामले में कोई सर्वमान्य हल निकाल सकेगी।’
23 मई को घोषित किया जाए मोदी दिवस
योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि 23 मई को मोदी दिवस या लोक कल्याण दिवस घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि करीब वर्षों बाद जनता ने प्रचंड बहुमत के साथ जन-जन के नायक नरेंद्र मोदी को दोबारा सत्ता सौंपी है। देश के लिए यह एक ऐतिहासिक पल था, जिसे संजोने की जरूरत है। देश ने इस दिन एक गरीब चाय बेचने वाले परिवार में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर पूर्ण विश्वास दर्शाते हुए लोक कल्याण के लिए उन्हें सत्ता सौंपी।