लोकसभा चुनाव की व्यस्तता खत्म होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास के एजेंडे को धार देने में जुट गए हैं। इसी क्रम में मंगलवार को उन्होंने पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास अगस्त में करने का निर्देश दिया। शिलान्यास से पहले मानक के अनुसार भूमि का अधिग्रहण पूरा करने के लिए कहा।
लक्ष्य से कम है भूमि अधिग्रहण
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए अप्रैल तक 90 फीसद भूमि अधिग्रहण का लक्ष्य था, पर अब तक सिर्फ 72 फीसद भूमि अर्जित की गई है। उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे चित्रकूट के भरतकूप से शुरू होकर बांदा हमीरपुर, जालौन, औरैया होते हुए इटावा के ताखा तहसील के कुदरैल गांव के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा। 294.264 करोड़ रुपये वाली इस परियोजना की लागत 14716.26 करोड़ है। इसके बन जाने पर बुंदेलखंड के लोगों लिए लखनऊ और दिल्ली की दूरी तय करना आसान हो जाएगा।
तय समय में पूरा करें पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे हर हाल में तय समय में पूरा करें। अधिकारियों ने बताया कि सड़क निर्माण का काम 10 फीसद पूरा हो चुका है। अगले साल अगस्त तक इस पर यातायात शुरू हो जाएगा। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्धारित समयावधि में निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया। परियोजना को लेकर कुछ जिलों में भूमि अधिग्रहण संबंधी दिक्कतों के बारे में ध्यान दिलाने पर योगी ने कहा कि वहां के जिलाधिकारियों को इसके लिए जवाबदेह बनाया जाए।
उल्लेखनीय है कि लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (एनएच-56) के चांद सराय लखनऊ से गाजीपुर के हैदरिया गांव तक जाने वाले 341 किमी लंबे छह लेन के इस एक्सप्रेस वे के निर्माण पर 23350 करोड़ रुपये की लागत आएगी। 14 जुलाई 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास कर चुके हैं। वहीं, मेरठ से प्रयागराज को जोडऩे वाली चार लेन की गंगा एक्सप्रेस वे पर 36 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस सड़क की लंबाई 600 किमी होगी। इसके लिए 6556 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है। कैबिनेट से इसकी सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। बाकी प्रक्रिया भी शुरू करने का योगी ने निर्देश दिया।