भारतीय जनता पार्टी की केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ लगातार आग उगलने वाले योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने लोकसभा चुनाव के दौरान हद पार कर दी। सरकार को लगातार असहज कर रहे मंत्री को सीएम योगी आदित्यनाथ ने बर्खास्त करने की सिफरिश की। राज्यपाल राम नाईक ने ओमप्रकाश राजभर का इस्तीफा मंजूर कर उनको पद से मुक्त कर दिया है। ओमप्रकाश राजभर को बर्खास्त करने के बाद उनके सभी विभाग को मंत्री अनिल राजभर को दिया गया है। अनिल राजभर का कद बढ़ गया है।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने योगी आदित्यनाथ मंत्रिमण्डल के सदस्य तथा मंत्री पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं विकलांग जन विकास, ओम प्रकाश राजभर को तात्कालिक प्रभाव से प्रदेश मंत्रिमण्डल की सदस्यता से पदमुक्त कर दिया है। राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रस्ताव पर ओम प्रकाश राजभर को मंत्री पद से मुक्त करने के लिए अपना अनुमोदन प्रदान कर दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ की सिफारिश पर राज्यपाल ने मंजूर ओमप्रकश राजभर का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। इसके साथ ही राजभर की पार्टी के उन सभी नेताओं को भी हटा दिया गया है, जिनको मंत्री का दर्जा दिया गया था।
ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के अन्य सदस्य जो विभिन्न निगमों और परिषदों में अध्यक्ष व सदस्य हैं सभी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। आज ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक को पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की सिफारिश की थी।
भारतीय जनता पार्टी और योगी आदित्यनाथ सरकार ने राजभर से अलग होने का मन पूरी तरह से बना लिया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राज्यपाल से पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की सिफारिश की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस बाबत राज्यपाल को पत्र भी प्रेषित कर दिया। लोकसभा चुनाव खत्म होते ही अब भारतीय जनता पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समज पार्टी (सुभासपा) का नाता आज पूरी तरह से ख़त्म हो गया।
उत्तर प्रदेश सरकार में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बर्खास्त करने की सिफारिश की। राजभर ने यूपी सरकार से इस्तीफा देने से मना कर दिया था और उत्तर प्रदेश में अपने 39 प्रत्याशी को भी उतारा था, लेकिन एग्जिट पोल सामने आने के बाद अब ओमप्रकाश राजभर को बर्खास्त करने का मन बना लिया था।ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के साथ आई थी। इनकी पार्टी से तीन विधायक हैं। इनमें से एक कैलाश सोनकर तो चंदौली से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्रनाथ पाण्डेय के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की राजभर समुदाय के बीच पकड़ मजबूत है। ओमप्रकाश राजभर की मांग थी कि लोकसभा चुनाव में उन्हें दो से तीन सीटें दी जाएं, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
लोकसभा चुनाव में राजभर ने भाजपा नेताओं पर जमकर हमला बोला और अभद्र भाषा का इस्तेमाल भी किया। उल्लेखनीय है कि राजभर ने दावा किया कि वो और उनके दो सहयोगियों ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था तथा उनका अब भाजपा से कोई रिश्ता नही रहा था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस्तीफा स्वीकार करना भाजपा सरकार का काम है।