राजधानी में रसोई गैस की कालाबाजारी के अवैध कारोबार से आमजन त्रस्त है। रसोई गैस की अवैध रिफिलिंग से आपूर्ति पर असर पड़ रहा है तो वहीं सिलेंडर में घटतौली से आमजन की जेब काटी जा रही है। हद तो यह है कि जनता परेशान है वहीं जिम्मेदार मौन साधे हुए हैं। कभी-कभी औपचारिकता निभाने के लिए कार्रवाई कर विभाग अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर देता है।
राजधानी में घरेलू रसोई की अवैध रिफिलिंग और कालाबाजारी से चांदी काटी जा रही है वहीं आपूर्ति और बाट-माप विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने के दावे करने में ही व्यस्त है। जबकि धरातल पर कुछ नहीं हो रहा है। पिछले छह माह में आपूर्ति विभाग की कार्रवाई पर नजर डालें तो महज तीन से चार बार ही कार्रवाई की गई। यह विभाग की उदासीनता को बयां करने के लिए काफी है।
एसी ऑफिस में बैठने तक सीमित हैं तेल कंपनियों के अधिकारी
हैरत की बात यह कि इंडेन, भारत गैस, एचपी गैस की कालाबाजारी हो रही है, लेकिन आइओसी, एचपीसी, बीपीसी के अधिकारी धरातल पर हकीकत जानने तक को तैयार नहीं। तेल कंपनियों के अधिकारी एसी रूम से निकलने को तैयार ही नहीं होते, जिससे एलपीजी डिस्ट्रिब्यूटर्स के हौसलें बुलंद होते हैं।
लक्ष्य पूरा, मकसद अधूरा
विधिक बाट-माप विभाग की भूमिका भी सवालों में है। विभाग पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 में राजस्व की वसूली के लक्ष्य को हासिल करने को उपलब्धि तो बता रहा है, लेकिन सच तो यह है कि विभाग मकसद पूरा करने में नाकाम साबित हुआ है। आलम यह है कि विभागीय कार्रवाई सत्यापन दस्तावेजों की जांच तक ही सिमटी नजर आती है।
डीएसओ ने पकड़ी घटतौली
जिला पूर्ति अधिकारी विपिन कुमार के नेतृत्व में विभागीय टीम ने कई गैस एजेंसी में छापेमारी की। इस दौरान सहारनपुर रोड स्थित चुग गैस एजेंसी में दस सिलेंडरों में 100 से 500 ग्र्राम तक गैस कम पाई गई। वहीं ब्रह्मपुरी क्षेत्र में गैस की अवैध रिफिलिंग में 11 बड़े व छोटे सिलेंडर जब्त किए गए।
साथ ही तीन किट भी बरामद की गई। डीएसओ विपिन कुमार ने कहा कि विभाग गैस की कालाबाजारी रोकने के लिए व्यापक अभियान चलाएगा। विभागीय टीम में पूर्ति निरीक्षक विभूति जुयाल, सुनील देवली, अजय रावत, विजय नैथानी, प्रशांत बिष्ट समेत कई अन्य शामिल रहे।
राशन की आठ दुकानों को भी नोटिस
डीएसओ ने राशन की दुकानों में भी छापा मारा, इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में आठ दुकानें बंद पाई गई। इन दुकानों को नोटिस जारी किए गए हैं।