हर शख्स की रूह को पाक करके अल्लाह के करीब जाने का मौका देने वाला रमजान का पवित्र महीना शुरू हो चुका है. ये हर किसी के लिए खास होता है. यह हर इंसान को अपनी जिंदगी सही राह पर लाने का पैगाम देता है. हर साल चांद के दीदार के साथ शुरू होने वाले माह-ए-रमजान की शुरुआत इस साल 7 मई से हो चुकी है. दिल्ली की शाही फतेहपुरी मस्जिद की कमेटी बैठक में बताया गया कि सोमवार को इस्लामी महीने शाबान का 30 वां दिन होगा और पहला रमज़ान 7 मई को होगा यानी पहला रोज़ा मंगलवार को होगा जो कि आज है. जानते हैं रोजे के बारे में खास बातें.
30 दिन का होता है रमजान का महीना
इस बारे में मौलाना नोमानी ने कहा कि रमजान में 30 दिन तक इस बात का अभ्यास कराया जाता है कि जो काम तुम्हारे लिए जायज है, उसके लिए भी तुम खुद को रोक लो. तब इंसान यह महसूस करने लगता है कि जब मैं हलाल कमाई से हासिल किया गया खाना और पानी इस्तेमाल करने से खुद को रोक सकता हूं तो गलत काम करने से क्यों नहीं रोक सकता हूं. यह बहुत ही कठिन होता है लेकिन परस्त होने के चलते हर कोई इसे करता है.
इंसान अक्सर यह सोचता है कि वह चाहकर भी खुद को गुनाह करने से रोक नहीं पाता, मगर यह उसकी गलतफहमी है. रमजान उसे इसका एहसास कराता है. ये महीना बेहद ही पाक होता है. बता दें, रमजान के पाक महीने में अल्लाह अपने बंदों पर दिल खोलकर रहमतों की बारिश करता है. भूखे-प्यासे रहकर इबादत में खो जाने वाले रोजेदार लोग खुद को अल्लाह के नजदीक पाते हैं और आम दिनों के मुकाबले रमजान में इस क़ुरबत (करीबी) के एहसास की शिद्दत बिल्कुल अलग होती है, जो आमतौर पर बाकी के महीनों में नहीं होती है.