परिवर्तनों के लिए तैयार रहे मीडिया, श्रमिकों की गुणवत्ता बढ़ाने पर भी काम हो -विधानसभा अध्यक्ष

आईएफडब्लूजे ने मनाया अंतरर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस, श्रम मंत्री को सौंपा ज्ञापन

लखनऊ : समाज में परिवर्तन के साथ ही पत्रकारिता में भी परिवर्तन होंगे और इनका स्वागत किया जाना चाहिए। परिवर्तनों को हमेशा खराब ही मानने की प्रवृत्ति से बचना होगा। अक्सर परिवर्तन सार्थक भी होते हैं। विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने अंतरर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के मौके पर एक मई को इंडियान फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्लूजे) व यूपी वर्किंग जर्नलिस्य यूनियन (यूपीडब्लूजेयू) की ओर से राजधानी लखनऊ के कैफी आजमी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि समाज के अन्य क्षेत्रों की ही तरह पत्रकारिता के सामने चुनौतियां और हमें चुनौतियों के बीच अपना काम करना है। उन्होंने कहा कि श्रमिक संगठनों का काम श्रमिक की जीवनदशा सुधारने, उन्हें बेहतर काम करने की परिस्थितियां दिलाने के साथ उनकी गुणवत्ता में सुधार लाना भी है। दीक्षित ने कहा कि श्रमिकों की मेधा का विकास करते रहना और उनकी कार्य कुशलता को बढ़ाना भी श्रमिक संगठनों का दायित्व है। श्रमिक दिवस के मौके पर आईएफडब्लूजे प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी और यूपीडब्लूजे अध्यक्ष भास्कर दुबे के नेतृत्व में प्रदेश के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को पत्रकारों की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन भी सौंपा।

कार्यक्रम में अपने संबोधन में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सच्ची पत्रकारिता अपने पेशे से प्यार, प्रीत और प्रामणिक होने का भी नाम है और यह एक जुनून भी है। उन्होंने कहा कि पत्रकार लोकमत की दिशा को प्रभावित करने का काम करते हैं। आईएफडब्लूजे के इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने विशिष्ट अतिथि के तौर पर पधारे महाराष्ट्र सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री अमरजीत मिश्रा ने कहा कि समाज के प्रति विषम परिस्थितियों में अपना दायित्व निभा रहे पत्रकारों के प्रति समाज का भी कर्तव्य बनता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को बेहतर काम करने के लिए बेहतर वेतन व काम करने का वातावरण मिलना ही चाहिए। विशिष्ट अतिथि के रुप में कार्यक्रम में पहुंचे गुजरात में अंग्रेजी दैनिक टेलीग्राफ के स्टेट हेड रहे वरिष्ठ पत्रकार वसंत रावत ने कहा कि नए समय में नए चुनौतियों को पत्रकारों को स्वीकारना होगा और तकनीकी दक्षता से साथ काम करना सीखना होगा। उन्होंने कहा कि पत्रकार जोखिम लेने से न बचें और सत्ता प्रतिष्ठानों के आगे न झुकें।

आईएफडब्लूजे उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी ने कहा कि पत्रकार सुरक्षा कानून को लागू कराने के लिए केंद्र में बनने वाली नयी सरकार के सामने संगठन अपना पक्ष पूरी मजबूती के साथ रखेगा और इसमें सफलता हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बीमा, पेंशन जैसी कई पत्रकारों की कल्याण की योजनाओं पर सरकार से बात की जा रही है और प्रदेश की सरकार जल्दी ही इस पर फैसला ले। संगठन की रिपोर्ट पेश करते हुए यूपीडब्लूजेयू के महामंत्री मो. कामरान ने कहा कि तमाम लड़ाई लड़ने के बाद अभी पत्रकारों को मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों के मुताबिक वेतन नही मिल पा रहा है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में साफ आदेश दे रखा है।

पत्रकारों की भारी भीड़ के बीच आयोजित इस कार्यक्रम में वरिष्ट पत्रकार अजय कुमार, प्रमोद गोस्वामी, वकार रिजवी, रजा रिजवी, दयानंद पांडे, प्रभात त्रिपाठी, अजय वर्मा, नवेद शिकोह, राजेश महेश्वरी आदि ने पने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन आईएफडब्लूजे राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ कलहंस व लखनऊ श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष उत्कर्ष सिन्हा ने किया। धन्यवाद प्रस्ताव भास्कर दुबे ने रखा। इस मौके पर आईएफडब्लूजे के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य व मीडिया मंच के संपादक टीबी सिंह की पत्रिका के नए अंक का विमोचन किया गया।

कार्यक्रम में जिला मान्यता प्राप्त पत्रकार संघ के अब्दूल वहीद, मो. जुबेर, आरिफ, मीडिया फोटोग्राफर क्लब के एसएम पारी, पत्रकार अशोक तिवारी, अमरनाथ मिश्रा, सुरेंद्र अग्निहोत्री, अशोक यादव, नजम हसन, यूपीडब्लूजेयू के स्थाई सचिव राजेश मिश्रा, संगठन सचिव डा अजय त्रिवेदी, लखनऊ श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के महामंत्री शाश्वत तिवारी, वरुण मिश्रा, अरविंद मिश्रा, नसीमुल्लाह, पीपी सिंह, आसिफ जाफरी, शेखर पंडित, आशीष अवस्थी, आईएफडब्लूजे के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य संजय दिवेदी, रोहित महेश्वरी आदि मौजूद थे।

इससे पहले बुधवार सुभह श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को सौंपे गए ज्ञापन में मांग की गयी कि उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय सहित प्रदेश के सभी, जिलों, तहसीलों, कस्बों व दूर-दराज काम करने वाले पत्रकारों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए। सभी पत्रकारों को इस सुविधा का लाभ देने के लिए सरकार हेल्थ कार्ड जारी करे। ज्ञापन में सभी पत्रकारों (मान्यता व गैर मान्यता प्राप्त) को एक यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज योजना के दायरे में लाने के साथ ही सभी पत्रकारों के लिए निशुल्क दुर्घटना बीमा योजना शुरु करने की मांग की गयी। इसके अलावा आईएफडब्लूजे ने समूचे प्रदेश में ६० वर्ष की आयु को पार चुके पत्रकारों के लिए पेंशन योजना शुरु करने की मांग उठाते हुए कहा कि कई राज्यों में यह योजना पहले से ही लागू है।

ज्ञापन में पत्रकारों के लिए प्रदेश मुख्यालय सहित सभी जिलों में आवासीय कालोनियां बना कर उन्हें सस्ती दरों पर भवन या भूखंड आवंटित किए जाने की भी मांग की गयी। आईएफडब्लूजे ने मांग की है उत्तर प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून जल्द से जल्द बनाया जाए और पत्रकारों पर हमले करने वालों, धमकी देने वालों पर गंभीर धाराओं में आपराधिक मुकदमें दर्ज करा अविलंब गिरफ्तारी की जाए। ज्ञापन में पत्रकारों को सरकारी आवास आवंटन किए जाने को लेकर तैयार की गयी नियमावली की विसंगतियों को दूर करने की मांग के साथ ही ज्यादा से ज्यादा पत्रकारों को सरकारी आवास दिए जाने की मांग की गयी। प्रदेश सरकार से मांग की गयी कि डेस्क कर्मियों की मान्यता पर्व की भांति फिर से शुरु की जाए। श्रम मंत्री से बातचीत के दौरान आईएफडब्लूजे उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी ने कहा कि पत्रकारों के वेतन के लिए गठित मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशे लागू करने के संदर्भ में केंद्र सरकार सहित सुप्रीम कोर्ट आदेश दे चुकी है। उक्त आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में हेमंत तिवारी के साथ भास्कर दुबे, मो. कामरान, संजय दिवेदी, नवेद शिकोह शामिल थे।

 

 

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