हुत कम लोग इस बात से वाकिफ हैं कि भगवान राम ने रावण से लड़ाई होने के पहले उन्ही से विजय होने का आशीर्वाद माँगा था. जी हाँ, ऐसे में आज हम आपको इससे जुडी एक कथा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुनने के बाद आप हैरान रह जाएंगे. जी हाँ, यह कथा आजतक जिसने भी सुनी वह हैरान रह गया है और आप भी इसे सुनने के बाद हैरान रह जाएंगे. हम सभी इस बात से वैसे ही वाकिफ हैं कि राम ने रावण की नाभि में तीर मारकर जीत हांसिल की थी लेकिन उससे पहले श्री राम ने उनसे विजय होने का आशीर्वाद लिया था. अब आइए बताते हैं आपको उस कथा के बारे में.
कथा – रावण प्रकांड विद्वान था और उसने नौ ग्रहों को अपने वश में कर रखा था ये तो सभी जानते हैं, कुछ जगहों पर उल्लेख मिलता है कि जब राम रावण से युद्ध करने के लिए जा रहे थे तो इससे पहले उन्होंने रामेश्वरम में शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करने का विचार किया. राम को इस पूजा के लिए विद्वान पंडित की आवश्यकता थी, राम ने जब सबसे पूछा तो उन्हें ज्ञात हुआ कि रावण से बड़ा प्रकांड विद्वान पंडित कोई नहीं है और इसी कारण शिव पूजा के लिए उन्होंने रावण को निमंत्रण भेजा.
भगवान शिव का भक्त होने के कारण रावण इस पूजा से इनकार नहीं कर सका और उसने रामेश्वरम में आकर पूजा करवाई. पूजा के बाद राम ने रावण से आर्शीवाद मांगा कि वह युद्ध में विजय प्राप्त करें और उनके शत्रु यानि रावण की पराजय हो. रावण ने श्री राम को तथास्तु का आर्शीवाद प्रदान किया और इसके पश्चात राम रावण से युद्ध करने के लिए गए.