आप सभी को बता दें कि भगवान कृष्ण की अधिकतर तस्वीरों में उनका रंग नीला दिखाया जाता है वहीं कृष्ण सांवले थे तो उनकी तस्वीरों में नीला रंग दिखाने का क्या औचित्य है, अगर आपके दिल में भी कई बार ये सवाल आया है तो आज हम आपको इसके पीछे के कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं.
पौराणिक कथाओं के अनुसार – भगवान श्रीकृष्ण को मारने के लिए जब उनके मामा कंस ने पूतना नामक राक्षसी को भेजा तो वो अपने स्तनों पर विष लगाकर बालक कृष्ण को मारने के लिए आई और उन्हें स्तनपान कराने लगी. श्री कृष्ण समझ गए कि पूतना उन्हें मारने के लिए आई है इसी वजह से उन्होंने पूतना को काट लिया और उसके स्तन पर लगा सारा विष कृष्ण के अंदर चला गया जिसकी वजह से उनका रंग नीला पड़ गया. माना जाता है कि इसी वजह से कृष्ण की तस्वीरों में नीले रंग का प्रयोग किया जाता है. वहीं एक अन्य कथा के अनुसार बालक कृष्ण जब यमुना नदी के पास खेल रहे थे तब उनकी गेंद नदी में गिर गई. उस समय यमुना नदी में कालिया नामक एक सर्प अपनी पत्नियों सहित रहता था और जब कृष्ण अपनी गेंद लेने के लिए नदी के अंदर गए तब कालिया नाग ने कृष्ण को देखकर हमला कर दिया.
इसके पश्चात कृष्ण और कालिया नाग के बीच युद्ध हुआ और जब कृष्ण ने कालिया नाग का वध किया तो उसके विष से श्रीकृष्ण का पूरा शरीर नीला हो गया. अगर सामान्य तौर पर बात करें तो नीला रंग मन की शांति और स्थिरता का प्रतीक होता है और श्री कृष्ण की तस्वीरों में नीले रंग का होना उनके चरित्र की विशालता और बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है.