बाल कलाकार दर्शील सफारी, प्रभजोत सिंह एवं अनिरुद्ध दवे ने बांधा समां
लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित किये जा रहे 9-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2019) का आठवाँ दिन लखनऊ के 24 विद्यालयों से पधारे लगभग 12,000 से अधिक छात्रों की गहमा-गहमी व चहल-पहल से परिपूर्ण रहा एवं सभी ने शिक्षात्मक बाल फिल्मों का खूब आनन्द उठाया। बाल फिल्मोत्सव में गुरुवार का दिन चरित्र निर्माण व जीवन मूल्यों की शिक्षा देने वाली एक से बढ़कर एक बाल फिल्मों से गुलजार रहा। इसके अलावा, बच्चों के उत्साहवर्धन हेतु पधारे बाल कलाकार दर्शील सफारी, प्रभजोत सिंह एवं अनिरुद्ध दवे ने समारोह की गरिमा में चार चांद लगा दिये। हजारों की संख्या में उपस्थित छात्रों व युवाओं ने दिल खोलकर इनका स्वागत किया। अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव में 101 देशों की बेहतरीन शिक्षात्मक बाल फिल्में निःशुल्क दिखाई जा रही हैं।
इससे पहले, मुख्य अतिथि अनिल कुमार मिश्रा, रजिस्ट्रार, फर्म, सोसाइटी एवं चिट्स, ने दीप प्रज्वलित कर आई.सी.एफ.एफ.-2019 के आठवें दिन का विधिवत् शुभारम्भ किया जबकि विशिष्ट अतिथि मनोज रंजन त्रिपाठी, मैनेजिंग एडीटर, न्यूज वर्ल्ड इण्डिया ने अपनी उपस्थिति से समारोह की गरिमा को बढ़ाया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि श्री अनिल कुमार मिश्रा ने कहा कि सी.एम.एस. का यह बाल फिल्मोत्सव बच्चों को जीवन मूल्यों की शिक्षा देने का कारगर तरीका है। जीवन के जिन नैतिक सिद्वान्तो के बारे में हम बच्चों को बताते हैं, उन्हें बाल फिल्मों के माध्यम से जीवन्त रूप से बच्चों को दिखाना बहुत ही प्रेरणादायी है। इनमें जीवन के विविध आयाम समाये हुए हैं जो छात्रों को सही व गलत का चुनाव करने की योग्यता प्रदान करेंगे।
आई.सी.एफ.एफ.-2019 के आठवें दिन का शुभारम्भ गिरीश बिजाल द्वारा निर्देशित भारतीय फिल्म ‘हेडमास्टर वामनराव’ से हुआ। इसके अलावा सी.एम.एस. कानपुर रोड के मेन ऑडिटोरियम के अलावा अन्य सात मिनी आडिटोरियम में भी देश-विदेश की अनेक फिल्मों का प्रदर्शन हुआ, जिनमें फ्लाइंग चाइल्ड, द बर्ड एण्ड द व्हेल, फनी फिश, बेटा, गुब्बारे, लेट्स सेव बॉबी, इट्स हार्ड टू बी ए पोटैटो, द मैन हू बिल्ड ड्रगन्स, माँ, डोन्ट लूज हर्ट, मैकेनिकल लिक्विड, द ट्री, समर हॉलीडेज, एलियन्स, माई फादर द फिश, नॉट फॉर सेल, 365 डेज, द लिटिल फिश एण्ड द क्रोकोडाइल, लास्ट एण्ड फाउण्ड, इन सर्च ऑफ पॉल, द एन्जल रिर्टन्स, बड़े काम की चीज, मदर्स डे आदि प्रमुख हैं। विभिन्न देशों की अलग-अलग भाषाओं में बनी फिल्मों को अंग्रेजी व हिन्दी अनुवाद भी फिल्म के साथ-साथ ही चलता रहता है जिससे बच्चे आसानी से फिल्म के कथानक को समझ सकें।
बाल फिल्मोत्सव में पधारे बाल कलाकार दर्शील सफारी, प्रभजोत सिंह एवं अनिरुद्ध दवे ने आज अपरान्हः सत्र में सी.एम.एस. कानपुर रोड पर आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से मुलाकात की और खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। पत्रकारों से बातचीत करते हुए बाल कलाकारों ने कहा कि बच्चों के लिए शिक्षात्मक फिल्मों का आज अभाव है, ऐसे में यह फिल्म फेस्टिवल बहुत ही अच्छा प्रयास है। निश्चित रूप से छात्रों के दिल-दिमाग पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और यह आयोजन अपने उद्देश्य में सफल होगा। सीएमएस के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने बताया कि बाल फिल्मों का यह अनूठा आयोजन अब समापन की ओर अग्रसर हो रहा है और शैक्षिक बाल फिल्मों का यह दौर कल 12 अप्रैल को सम्पन्न हो जायेगा।