विवेक ओबेरॉय की फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ के बाद कांग्रेस ने एक और फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ की रिलीज पर भी आपत्ति जताई है. फिल्म इसी हफ्ते 12 अप्रैल को रिलीज हो रही है. पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोतों ने फिल्म की रिलीज के खिलाफ निर्माताओं को लीगल नोटिस भेजा है. शास्त्री जी के पोते कांग्रेस से जुड़े हैं. द ताशकंद फाइल्स देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमयी मौत की गुत्थी को लेकर आधारित है. इस फिल्म के खिलाफ कांग्रेस ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और सेंसर बोर्ड को भी ख़त लिखकर शिकायत की गई है.
नोटिस में कहा गया है कि फिल्म की रिलीज होने से शांति भंग होगी. लोकसभा चुनाव के समय फिल्म रिलीज होने पर गलत प्रभाव पड़ेगा. यह भी कहा गया है कि फिल्म के रिलीज को लेकर शास्त्री परिवार के किसी भी सदस्य से किसी भी तरह से कोई अनुमति नहीं ली गई है. निर्माताओं को फिल्म के लिए प्री-स्क्रीनिंग की व्यवस्था करनी चाहिए.
सवाल उठाने से डरे हैं लोग
विवेक अग्निहोत्री ने कहा- ”ये नोटिस उन्होंने फिल्म देखने के बाद दिया है. उन्होंने 7 अप्रैल को फिल्म देखी थी और तारीफ करते हुए आभार भी जताया था. मुझे सूत्रों से पता चला कि उन्हें ऐसा करने के लिए गांधी परिवार से आदेश मिला है. शास्त्री जी के पोतों को बलि का बकरा बनाया गया है. मैं ये नहीं समझ पा रहा हूं कि कांग्रेस के बड़े नेता ऐसा क्यों करेंगे? क्यों कांग्रेस ये फिल्म बंद करना चाहेगी? मुझे लगातार क्यों धमकाया जा रहा है?”
इशारों इशारों में गांधी परिवार का नाम लिए बिना विवेक ने कहा, ”वे फिल्म की रिलीज से क्यों डरे हुए हैं जो कि किसी नागरिक के #RightToTruth पर कुछ सवाल उठाती है? भारतीय सिनेमा के इतिहास में ये पहली फिल्म है जिसे देश के पत्रकारों को समर्पित किया गया है. मैं पत्रकारों से उम्मीद करता हूं कि है कि वे हाईकमान से सवाल करें क्यों वे ये मूवी रोकना चाहते हैं? क्यों इसकी रिलीज से वे डरे हुए हैं?”
बता दें, ये एक मल्टीस्टारर मूवी है. जिसमें मिथुन चक्रवती, श्वेता बसु प्रसाद, पंकज त्रिपाठी, नसीरुद्दीन शाह, मंदिरा बेदी और पल्लवी जोशी लीड रोल में हैं. गौरतलब है कि 10 जनवरी, 1966 को ताशकंद में पाकिस्तान के साथ शांति समझौते पर करार के महज 12 घंटे बाद ही (11 जनवरी) लाल बहादुर शास्त्री का अचानक निधन हो गया था. उनकी मौत की गुत्थी पर आज भी सवाल बना हुआ है.