नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी के जीवन पर आधारित फिल्म की रिलीज़ रोकने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि फ़िल्म प्रमाणन बोर्ड ने अब तक सर्टिफिकेट नहीं दिया। फ़िल्म देखना उसका काम है। अगर फ़िल्म से चुनाव के आयोजन में कोई दिक्कत है तो ये देखना चुनाव आयोग का काम है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि ये याचिका प्रि-मैच्योर दाखिल की गई है। अभी इसे फ़िल्म प्रमाणन बोर्ड ने सर्टिफिकेट भी नहीं दिया है। केवल दो मिनट का प्रोमो देखकर आप फिल्म के बारे में अनुमान नहीं लगा सकते हैं। कांग्रेस नेता अमन पवार ने याचिका दायर की थी। आठ अप्रैल को कोर्ट ने कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा था कि पहले आप स्पष्ट करें कि आपको फिल्म के किस दृश्य पर आपत्ति है। उस दिन सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता की इस मांग को भी ठुकरा दिया था कि उसे फिल्म देखने दी जाए।
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि फिल्म के रिलीज से चुनाव पर असर पड़ सकता है। इससे सत्ताधारी दल को लाभ मिलेगा। याचिका में बांबे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। दो अप्रैल को बांबे हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग खारिज कर दी थी। एक अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी फिल्म की की रिलीज पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज कर दी थी। याचिका में कहा गया था कि फिल्म लोकसभा चुनावों के शुरू होने से पहले ही रिलीज की जा रही है और यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। याचिका में यह भी कहा गया था कि चुनावों से पहले इस फिल्म को रिलीज किए जाने के कारण यह वोटर्स को प्रभावित कर सकती है। याचिका में फिल्म की रिलीज को टालने के लिए कोर्ट से गुहार की थी। इस फिल्म का निर्देशन उमंग कुमार ने किया है। फिल्म में में अभिनेता विवेक ओबेराय मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। यह फिल्म पांच अप्रैल को रिलीज होगी। इस फिल्म में बोमन ईरानी, मनोज जोशी, जरीना वहाब और प्रशांत नारायणन अहम किरदार अदा कर रहे हैं।