नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव में एक विधानसभा में एक बूथ की ईवीएम से वीवीपीएटी के मिलान की वर्तमान व्यवस्था में परिवर्तन करने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा है कि इस चुनाव में एक विधानसभा में पांच बूथों की ईवीएम का वीवीपीएटी से मिलान किया जाए। कोर्ट ने कहा कि इससे राजनीतिक दलों के साथ-साथ आम लोगों को भी ज्यादा भरोसा होगा। एक विधानसभा में एक ईवीएम के वीवीपीएटी के मिलान करने की वर्तमान व्यवस्था के तहत निर्वाचन आयोग चुनाव में 4125 ईवीएम को वीवीपीएटी से मिलान करता है। अब सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से निर्वाचन आयोग को 20625 ईवीएम को वीवीपीएटी से मिलान करना होगा।
21 विपक्षी दलों ने आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान ईवीएम में 50 फीसदी वीवीपीएटी के इस्तेमाल की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। विपक्षी दलों ने निर्वाचन आयोग के हलफनामे का जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा था कि 50 फीसदी वीवीपीएटी पर्चियों का ईवीएम से मिलान स्वच्छ चुनाव के लिए जरूरी है। विपक्षी दलों ने कहा था कि इससे नतीजे घोषित करने में 6 दिन का समय लग जाए तो भी ठीक है। इससे लोगों का देश की चुनाव प्रक्रिया में भरोसा कायम होगा। इन विपक्षी दलों की याचिका में कहा गया था कि हर चुनाव क्षेत्र के 50 फीसदी बूथों पर वीवीपीएटी पर्चियों का ईवीएम से मिलान होना चाहिए। याचिका में ईवीएम के जरिये चुनाव में गड़बड़ी की आशंका जताई गई है। इन विपक्षी दलों ने हाल ही में निर्वाचन आयोग से भी 50 फीसदी बूथों पर वीवीपीएटी के इस्तेमाल की मांग की थी।