गाजा पट्टी पर चल रही हिंसा अब बड़ा रूप लेती जा रही है. मंगलवार देर शाम को गाजा की तरफ से करीब 30 मिसाइलें इजरायल की तरफ दागी गईं थीं. बुधवार सुबह इजरायली सेना ने बयान जारी कर कहा कि 30 में से 25 टारगेट को मार गिराया गया है.
पहले भी बनाया था निशाना
इससे पहले भी इजरायली वायुसेना ने सोमवार को गाजा पट्टी पर हमास के नौ ठिकानों को निशाना बनाते हुए हमले किए. समाचार एजेंसी ‘एफे’ के अनुसार, इजरायली सेना ने दो सैन्य शिविरों और गोला बारूद के एक कारखाने को निशाना बनाया था.
रिपोर्ट में कहा गया कि ये हमले पिछले कुछ सप्ताह के दौरान इजराइली क्षेत्र में जलते हुए गुब्बारों और पतंगें छोड़ने की घटना के प्रतिक्रियास्वरूप किए गए हैं. हालांकि, इस दौरान किसी को चोट नहीं आई है.
क्यों है विवाद?
इजरायली सेना ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने बाड़बंदी के पास तैनात इजरायली सैनिकों पर देसी बम, जलते हुए टायर तथा पत्थर फेंके थे. दूतावास संबंधी यह कदम विवादास्पद है क्योंकि फिलिस्तीनी लोग यरूशलम के एक हिस्से को अपनी भविष्य की राजधानी मानते हैं.
अरब जगत में अनेक लोगों के लिए यह इस्लाम से संबंधित सबसे पवित्र स्थलों में से एक है. शहर में यहूदियों और ईसाइयों के भी धार्मिक स्थल हैं. मुद्दा इतना विवादास्पद है कि अंतरराष्ट्रीय वार्ताकारों ने शांति समझौतों के अंतिम चरणों में यरूशलम से जुड़े प्रश्न को छोड़ दिया था.
सयुंक्त राष्ट्र ने भी की निंदा
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एतोनियो गुतारेस ने भी प्रदर्शन के दौरान इस्राइल की गोलीबारी में बड़ी संख्या में फलस्तीनियों की मौत पर दुख जताते हुए चेतावनी दी थी कि गाजा युद्ध की कगार पर खड़ा है. गुतारेस ने कहा कि 30 मार्च को शुरू हुए प्रदर्शन के बाद से हताहत हुए फिलस्तिनियों की संख्या से वो काफी स्तब्ध हैं. जिसमें अब तक 132 फिलस्तीनी मारे जा चुके हैं और रेड क्रॉस के आंकड़ों के अनुसार 13,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.
आपको बता दें कि अभी कुछ ही दिनों पहले गाजा पट्टी के पास लाखों फिलिस्तीनी प्रदर्शन करने उतरे थे. इस दौरान उनपर गोलीबारी की गई थी. जिसके विश्वस्तर पर काफी निंदा हुई थी.