तकनीक में सतत् विकास के लिए गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान जरूरी : प्रो.राजीव त्रिपाठी

राजर्षि में श्रिसेन्ट एडवान्सेस इन मैनेजमेन्ट एण्ड टेक्नोलॉजी पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

वाराणसी : राजर्षि स्कूल ऑफ मैनेजमेन्ट एण्ड टेक्नालॉजी, में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी श्रिसेन्ट एडवान्सेस इन मैनेजमेन्ट एण्ड टेक्नोलॉजी के दूसरे एवं अन्तिम दिन सम्पन्न हुआ। रोजगार एवं रोजगारपरकतजा पर केन्द्रित तकनीक सत्र में विभिन्न शोध पत्र पर चर्चा की गई प्रो0 रीता अग्रवाल, निदेशक ,एफ0एम0 टी0, हरिश्चन्द्र पोस्ट ग्रेजुएट कालेज, वाराणसी ने रोजगारपरकता के अनुरूप लोगों में तकनीक, नेत्त्व क्षमता, सांस्कृतिक पहचान, नीति एवं मूल्यों का विकास करना अत्यन्त आवश्यक है। अनुराग गुप्ता, सीजीएम, एफसीआई ने भारतीय मूल्यों के सम्बर्द्धन एवं कौशल विकास को रोजगारपरकता के लिए आवश्यक बताया। इंन्दिरा गॉधी राष्ट्रीय जनजातिया विश्वविद्यालय, अमरकण्टक के प्रो0 ए0पी0 सिंह ने कहा कि उपाधि प्राप्त करना एक बार की प्रक्रिया है जबकि रोजगारपरकता के लिए सतत् प्रयास, तकनीकी सामाजंस्य और जिम्मेदारी होना अत्यन्त आवश्यक है। कार्यक्रम के मुख्य प्रायोजक नीलगीरी ग्रुप ऑफ कम्पनीज ने अपने कम्पनी के उत्पाद एवं भावी योजनाओं  पर विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया।

इसके पश्चात पैनल परिचर्चा का आयोजन किया गया। पैनल परिचर्चा में प्रो0 एस0के काक, प्रो0 एन0के0 सिंह, प्रो0 आलोक कुमार, डॉ0 रिपुदमन गौर, डॉ0 अनामिका गुप्ता, डॉ0 पवनेश सिंह, योगेश सिंह, डॉ0 आर0के0 सिंह, एवं प्रो0 ए0पी0 सिंह सम्मिलित हुए। मूल्यपरक रोजगार शिक्षा, क्षमताओं का स्तरीकरण, कौशल एवं क्षमता विकास, वैचारिक स्तर पर नेत्त्व क्षमता का विकास, मूल्यों का भारतीय संस्करण, अध्ययन की वरीयता एवं आनलाइन चर्चा समूह की आवश्यकता पर परिचर्चा सम्पन्न हुई।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो0 राजीव त्रिपाठी, निदेशक, एमएनएनआईटी इलाहाबाद ने कहा कि तकनीकी एवं प्रबन्धन के उचित सामांजस्य को आधुनिक व्यवसाय जगत की आवश्यकता बताया। प्रो0 त्रिपाठी ने तकनीक में सतत् विकास के लिए गुणवत्तापूर्ण अनुसन्धान को आवश्यक बताया।

उन्होंने कहा कि अन्तर विषयक शोध का दायरा बढाकर तकनीक एवं प्रबन्धन के उच्चतम स्तर को प्राप्त किया जा सकता है।  समापन समारोह के विशिष्ट अतिथि आई0एम0 एस0, बी0एच0यू0 के निदेशक प्रो0 एस0के0 दूबे ने कहा कि तेजी से बदलती हुई भारतीय अर्थव्यवस्था का विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ ताल-मेल करने के लिए यह आवश्यक है कि उन्नत प्रबन्धकीय कौशल एवं तकनीक का विकास भारतीय दृष्टिकोण से किया जाए। इस प्रबन्धकीय कौशल एवं तकनीक को विश्वस्तर पर मान्यता मिलनी चाहिए। समापन समारोह की अध्यक्षता प्रो0 एस0के0 काक ने किया। कार्यक्रम का उपसंहार प्रो0 एन0के.0 सिंह ने किया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 विनीता कालरा ने दिया। कार्यक्रम संचालनकर्ता डॉ0 अमन गुप्ता, गरिमा आनन्द, पी0एन0 सिंह थे। इस अवसर पर संस्थान के समस्त शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारीगण उपस्थित थे।

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