पाकिस्तान और चीन में भारत के मुकाबले ज्यादा परमाणु हथियार हैं, इसके बावजूद विश्वसनीय तरीके से भारत की धमक बनी हुई है. भारत एक जिम्मेदार न्यूक्लियर पावर है. एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है.
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI ईयरबुक 2018) की रिपोर्ट ‘न्यूक्लियर वार हेड्स नॉट डेल्हीज वार फाइटिंग वेपन बट टूल फॉर रिटैलियन’ में भारत, पाकिस्तान और चीन के परमाणु हथियारों के बारे में कई दिचलस्प आंकड़े दिए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में परमाणु हथियार रखने वाले सभी देश नए परमाणु हथियार प्रणालियों का विकास कर रहे हैं और अपने मौजूदा सिस्टम का आधुनिकीकरण कर रहे हैं. दूसरी तरफ, दुनिया भर में शांति अभियानों में लगे लोगों में कमी आ रही है.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत के पास 130 से 140, पाकिस्तान के पास 140 से 150 और चीन के पास 280 परमाणु हथियार हैं.
रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 की शुरुआत तक भारत, पाकिस्तान, अमेरिका, रूस, यूके, फ्रांस, चीन, इजरायल और उत्तर कोरिया के पास करीब 14,465 परमाणु हथियार थे. हालांकि 2017 के शुरुआत की तुलना में यह संख्या कम है, क्योंकि तब इन देशों के पास कुल 14,935 परमाणु हथियार थे. इस गिरावट की वजह रूस और अमेरिका द्वारा अपने हथियारों में कटौती लाना था.
गौरतलब है कि दुनिया के कुल परमाणु हथियारों का करीब 92 फीसदी हिस्सा इन दोनों देशों में ही है.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारत और पाकिस्तान अपने परमाणु हथियार भंडार का विस्तार कर रहे हैं और नए जमीन, समु्द्र और वायु में मार करने वाले मिसाइल डिलिवरी सिस्टम का विकास कर रहे हैं. चीन भी अपने परमाणु हथियार प्रणाली का विकास कर रहा है और धीरे-धीरे अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है. साल 2017 में उत्तर कोरिया ने परमाणु हथियार क्षमता के मामले में काफी बढ़ोतरी की है. दक्षिण कोरिया ने भी दो नए लॉन्ग रेंज बैलिस्टिक मिसाइल डिलिवरी सिस्टम का परीक्षण कर इस मामले में अभूतपूर्व प्रगति की है.’