कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में जीएसटी को पहले के मुकाबले ज्यादा आसान बनाने का वादा किया है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है कि जीएसटी में टैक्स स्लैब की दरें क्या होंगी।कांग्रेस ने यह वादा भी किया है कि पंचायतों और नगरपालिकाओं को भी जीएसटी राजस्व का एक हिस्सा दिया जाएगा।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि वर्तमान में जीएसटी की 5 दरें 0 फीसद, 5 फीसद, 12 फीसद, 18 फीसद और 28 फीसद हैं। सरकार जीएसटी काउंसिल की तमाम बैठकों के दौरान वस्तुओं एवं सेवाओं पर जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बना चुकी है। सरकार जीएसटी कलेक्शन को 1 लाख करोड़ रुपये के पार रखने के लगातार प्रयास कर रही है।
मार्च में एक लाख के पार हुआ जीएसटी कलेक्शन: मार्च महीने के दौरान जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया। मार्च महीने में जीएसटी कलेक्शन 1.06 लाख करोड़ रुपये रहा है, जबकि पिछले महीने में यह आंकड़ा 97,247 करोड़ रुपये रहा था।
मार्च में प्राप्त हुआ कुल जीएसटी रेवेन्यू 1,06,577 करोड़ रुपये रहा, जिसमें से सेंट्रल जीएसटी (सीजीएसटी) 20,353 करोड़ रुपये, स्टेट जीएसटी (एसजीएसटी) 27,520 करोड़ रुपये और इंटीग्रेटेड जीएसटी (आईजीएसटी) 50,418 करोड़ रुपये कहा। वहीं 8,286 करोड़ रुपये सेस के रुप में प्राप्त हुए हैं।
गौरतलब है कि एक देश एक कर की अवधारणा पर 1 जुलाई 2017 में देशभर में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू कर दिया गया था। जीएसटी के लागू होने के बाद तमाम स्थानीय और राज्य स्तर के करों को खत्म कर दिया गया।