सीबीआई का कहना है कि इंटरपोल की सक्रियता के बाद भी भगोड़ा हीरा व्यापारी नीरव मोदी विभिन्न देशों की यात्राएं करता रहा।
एजेंसी का कहना है कि इंटरपोल के डाटाबेस पर 24 फरवरी को ही भारत सरकार ने नीरव के भगोड़े होने की सूचना दर्ज करा दी थी। उसके बाद जिन देशों में यह अंतरराष्ट्रीय एजेंसी सक्रिय है, उनमें नीरव की यात्रा को प्रतिबंधित किया जाना था। सदस्य देशों को इस बाबत कदम उठाने थे।
यही नहीं नीरव के अपने यहां पहुंचने की जानकारी भी इन देशों को इंटरपोल को देनी थी, लेकिन फिर भी वह बड़े आराम से एक देश से दूसरे देश में घूमता रहा।
एजेंसी के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा कि नीरव को पांच पासपोर्ट भारत सरकार ने जारी किए थे। ये सभी एक दूसरे से इंटरलिंक थे। इन सभी की जानकारी इंटरपोल को भेज दी गई थी। ब्रिटेन से जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक नीरव लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट से 15 मार्च को हांगकांग गया, जबकि 28 मार्च को न्यूयार्क के जेएफके एयरपोर्ट से हीथ्रो गया और 31 मार्च को हीथ्रो से पेरिस के चार्ल्स डी गाउले गया।
प्रवक्ता का कहना है कि इंटरपोल के छह सदस्य देशों अमेरिका, सिंगापुर, बेल्जियम, फ्रांस व यूएई से भारत सरकार ने सीधा संपर्क साधकर भी नीरव के बारे में सूचनाएं साझा करने की अपील की हैं। इन देशों में उसके जाने की संभावना थी। दयाल का कहना है कि फिलहाल यह पता नहीं है कि नीरव मोदी किस देश में है।