कानपुर : बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन के तहत अपने खाते में आई 38 सीटों में से छह लोकसभा सीटों पर सोमवार को उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। जिसके तहत अकबरपुर सीट की प्रभारी निशा सचान को ही उम्मीदवार बना दिया। निशा सचान को उम्मीदवार बनाकर बसपा ने पिछड़ों को साधने का प्रयास किया है। ऐसे में अब इस सीट पर चुनावी लड़ाई दिलचस्प हो गयी और त्रिकोणीय मुकाबला बन गया। कानपुर नगर जनपद के अन्तर्गत तीन लोकसभा सीटें आती हैं और तीनों में भाजपा के सिटिंग सांसद हैं। इसमें से कानपुर नगर सीट सपा के खाते में गयी है, तो वहीं अकबरपुर और मिश्रिख बसपा के खाते में गयी है।
कानपुर नगर से सपा पहले ही पूर्व विधायक रामकुमार निषाद को उम्मीदवार बना चुकी है। इसके बाद सोमवार को बसपा ने भी बची हुई दोनों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। सपा की भांति बसपा ने भी कानपुर नगर से सटी अकबरपुर सीट से पिछड़े वर्ग से आने वाली निशा सचान पर भरोसा जताया। हालांकि बसपा ने पहले ही निशा सचान को प्रभारी बना दिया था। लेकिन भाजपा से सिटिंग सांसद देवेन्द्र सिंह भोले की दोबारा उम्मीदवारी के चलते कयास लगाया जा रहा था कि यहां से अब ब्राह्मण उम्मीदवार आएगा। पर ऐसा नहीं हुआ और बसपा पिछड़े वर्ग की निशा सचान को ही उम्मीदवार बना दिया। इससे अब इस लोकसभा सीट पर लड़ाई त्रिकोणीय होती दिख रही है।
बताते चलें कि कांग्रेस ने पिछड़े वर्ग से आने वाले पूर्व सांसद राजाराम पाल को मैदान में उतारा है। इस सीट पर सबसे ज्यादा मतदाता पिछड़ा वर्ग के हैं और उनकी संख्या करीब आठ लाख के आस-पास है। जबकि पिछले चुनाव में मोदी लहर के चलते पिछड़ा वर्ग का ज्यादातर मतदाता भाजपा के साथ चला गया था। हालांकि मोदी का मैजिक अभी भी जनता के बीच बरकरार है, पर अब देखना होगा कि बसपा की सोशल इंजीनियरिंग मोदी मैजिक को कहां तक काट पाती है। इसी तरह कानपुर नगर जनपद के अन्तर्गत आने वाली मिश्रिख सीट से बसपा ने नीलू सत्यार्थी को उम्मीदवार बनाया है। इस लोकसभा सीट में कानपुर नगर की बिल्हौर विधानसभा आती है। वहीं मण्डल की फर्रुखाबाद सीट से बसपा ने मनोज अग्रवाल को उम्मीदवार बनाकर भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाने का प्रयास किया है।