उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद किसानों को प्राथमिकता दिए जाने की बात कही गई थी, हालांकि फ़िलहाल तो इस प्राथमिकता का कोई बेहतर उदाहरण देखने को नहीं मिल रहा है. दरअसल रायबरेली में कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरने पर बैठे एक किसान नेता की मौत हो गई जिसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. किसान नेता की मौत की खबर सुनते हुए प्रशासन के हाथ पाँव फूल गए और आनन-फानन में मौके से बैनर व पोस्टर हटा दिए गए साथ ही शव को भी फ़ौरन पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया.
घटना के बाद पूरा कलेक्ट्रेट परिसर छावनी में तब्दील दिखा. जानकारी के मुताबिक, बीते कई दिनों से किसान अमृत लाल सविता जिलाधिकारी ऑफिस के सामने धरना दे रहे थे. रविवार की रात अम्रत लाल सविता कलेक्ट्रेट से जिला अस्पताल मृत अवस्था मे पहुँचे तो प्रशासन के हाथ पांव फूल गए.
सिटी मजिस्ट्रेट का कहना है कि मृतक अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर धरने पर बैठा था, जिसमें से कुछ मांगो का निस्तारण हो गया था और कुछ का बाकी था. एसडीएम डलमऊ की मृतक अम्रत लाल सविता की वार्ता चल रही थी लेकिन इसी बीच इनकी कल रात में मौत हो गई, जिसके बाद शव का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है.