आईसीबीएम के खतरे से बचने के लिए अमेरिका ने ग्राउंड-बेस्ड मिडकोर्स डिफेंस (जीएमडी) प्रणाली भी विकसित की है, जिसे अंतरिक्ष में इंटरसेप्टर मिसाइल को दागने के लिए बनाया गया है। सेना ने बयान में कहा कि पहला इंटरसेप्टर आईसीबीएम के लॉन्चपैड से 6500 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर स्थित था। अमेरिकी वायुसेना के मिसाइल डिफेंस एजेंसी के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सैमुअल ग्रीव्स ने इस परीक्षण को मील का पत्थर करार दिया।
उन्होंने कहा, जीएमडी प्रणाली हमारे देश की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और यह परीक्षण दर्शाता है कि हमारे पास वास्तविक खतरे से निपटने का सक्षम व विश्वसनीय तरीका है। उत्तर कोरिया से मिल रही चेतावनी के बीच यह परीक्षण बेहद अहम माना जा रहा है। बता दें कि उत्तर कोरिया 2017 में आईसीबीएम क्लब में शामिल हुआ था, तब उसने ह्वासॉन्ग-15 का सफल परीक्षण किया था। विश्लेषकों ने दावा किया था कि इससे समूचा अमेरिका जद में है।