नई दिल्ली : सारदा चिटफंड घोटाला मामले पर पश्चिम बंगाल के आईपीएस राजीव कुमार से पूछताछ पर सीबीआई की सीलबंद रिपोर्ट देखकर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि इसमें दर्ज बातें बेहद गंभीर हैं। कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट सीलबंद है, इसलिए अभी कोई आदेश नहीं दे रहे। सीबीआई चाहे तो 10 दिन में उपयुक्त अर्ज़ी दाखिल करे। इसके बाद राजीव कुमार 10 दिन में जवाब दाखिल कर सकते हैं। हम दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला करेंगे। इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर पश्चिम बंगाल के पुलिस अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग की है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि पांच आईपीएस अधिकारी गत चार फरवरी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ राजनीतिक धरने पर बैठे थे।
अपने हलफनामे में गृह मंत्रालय ने कहा है कि पूछताछ में पता चला है कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार चार अन्य आईपीएस अफसरों के साथ धरने पर बैठे थे। गृह मंत्रालय ने कहा है कि संसदीय चुनाव के मद्देनजर पांच आईपीएस अफसरों के आचरण के बारे में निर्वाचन आयोग को भी लिखा गया है। 27 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वो आरोपितों के कॉल डाटा रिकॉर्ड (सीडीआर) से छेड़छाड़ पर हलफनामा दायर करें। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि अगर सीडीआर से बड़े लोगों के नाम मिटाने का आरोप सही है तो ये बहुत गंभीर बात है। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सीबीआई को ये पता चला कि राजीव कुमार के नेतृत्व वाली एसआईटी ने सीडीआर से कुछ महत्वपूर्ण लोगों के नंबरों को हटा दिया। तब चीफ जस्टिस ने कहा था कि अगर सीडीआर से छेड़छाड़ की गई है तो ये एक गंभीर अपराध है। इसके परिणाम भुगतने होंगे।