यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने की प्रक्रिया ब्रेक्जिट पर गतिरोध और गहरा हो गया है। ब्रिटिश संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस के स्पीकर जॉन बरकोव ने साफ कर दिया है कि अब ब्रेक्जिट समझौते पर सदन में तीसरी बार मतदान नहीं होगा। प्रधानमंत्री टेरीजा मे के ब्रेक्जिट समझौते के प्रस्ताव को संसद दो बार खारिज कर चुकी है।
बरकोव ने कहा कि अगर सरकारी प्रस्ताव में कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं होगा तो वह उसे सदन में पेश करने की अनुमति नहीं देंगे। सरकार का प्रस्ताव एक बार 230 वोट और एक बार 149 वोट से गिर चुका है।
उन्होंने कहा कि संसदीय नियमों के मुताबिक एक ही विषय पर सांसद दो बार मतदान नहीं कर सकते। उन्होंने ब्रेक्जिट प्रस्ताव पर दूसरी बार मतदान की अनुमति इसलिए दे दी थी, क्योंकि उन्हें बताया गया था कि विवादित आयरिश बैकस्टाप को लेकर प्रस्ताव में बदलाव किया गया है।
वहीं, ब्रिटेन के सॉलिसिटर जनरल रॉबर्ट बकलैंड ने कहा है कि देश इस समय बड़े संवैधानिक संकट से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री मतदान के लिए पुराने प्रस्ताव को ही नहीं ला सकती। सरकार के लिए नया प्रस्ताव लाना मुश्किल काम है।