वाराणसी। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा के प्रस्तावित वाराणसी दौरे से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में चुनावी रंग गाढ़ा होने लगा हैं। वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल में गांव-गांव, शहर-शहर चुनावी चकल्लस ने जोर पकड़ दिया हैं। हर जगह प्रियंका वाड्रा की जलमार्ग से वाराणसी दौरे पर लोगों की निगाहें टिक गई हैं। घर से लेकर लेकर सार्वजनिक जगहों, सरकारी कार्यालयों, अर्ध सरकारी उपक्रमों में लोग प्रियंका के ग्लैमर और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व के बारे में अपने-अपने अंदाज में बाते करने में जुटे हैं। लोगों का मानना हैं कि अबकी चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मैजिक और प्रियंका वाड्रा के ग्लैमरस छवि के बीच सीधा मुकाबला दिख रहा है। लम्बे अरसे बाद प्रियंका के चलते जनाधार विहीन कांग्रेस भी रंगत में नजर आने लगी है। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का नजरिया है कि प्रियंका गांधी के जरिये ही पार्टी भाजपा के विजय रथ को पूर्वांचल में घेर सकती हैं।
होलिका के दिन काशी आ रही प्रियंका भी पूरे दमखम के साथ लोगों के बीच अपनी बात रखने के पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तर्ज पर बाबा विश्वनाथ दरबार में हाजिरी लगाने के बाद संत रविदास के जन्मस्थली सीरगोवर्धनपुर जा कर मंदिर में मत्था टेक सकती हैं। लगभग महीने भर पहले से ही पूर्वी उप्र की प्रभारी बनाये जाने के बाद प्रियंका गांधी पूर्वाचल के कांग्रेसियों के साथ जिस तरह लम्बी बैठकें कर वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल की फीडबैक ले रही हैं। उससे सपा बसपा गठबंधन के शीर्ष नेताओं के साथ जहां भगवा खेमा भी सतर्क होकर दौरे पर नजर गढ़ाये हुए हैं। वहीं पूर्वांचल की राजनीति के जानकार भी लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ पहली बार सक्रिय राजनीति में आई प्रियंका के दौरे पर बेबाकी से चुनावी समीक्षा कर रहे हैं।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने पूर्वांचल के अपने पहले चुनावी दौरे के पूर्व ही पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ आमजन को खुला खत लिखकर सोशल मीडिया के साथ लोगों में खुद को चर्चा का विषय बना लिया हैं। खत में उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुझे पूर्वी यूपी की जिम्मेदारी दी है। यूपी के लोगों से मेरा नाता बहुत पुराना है। आज सबके साथ मिलकर यूपी की राजनीति बदलने की जिम्मेदारी मुझे एक सिपाही के रूप में मिली हैं। आपकी बात सुने बिना परिवर्तन नहीं हो सकता है, इसलिए मैं आपके द्वार पहुंच रही हूं। मैं जलमार्ग, बस, ट्रेन और पदयात्रा कर आपसे संपर्क करूंगी।