बाराबंकी : प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत सुपोषित विकसित धारिनी आईईसी अभियान सक्रिय रूप से जनपद में जारी है। अभियान के तहत लाभान्वित होने वाले लाभार्थियों की 15 ब्लॉकों से अब तक कुल 1124 लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन किया गया। साथ ही अभियान में अब तक जनपद के कुल 15 ब्लॉक में से 9 ब्लॉक में नुक्कड़ नाटक, फ्लिप बुक, पोस्टर के माध्यम से जन जागरूकता फैलाई गई। साथ ही अन्य छूटे ब्लाकों में आचार्य संहिता के अनुरूप कार्यक्रम की रूप रेखा तय की जा रही है। उक्त जानकारी देते हुए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ महेंद्र सिंह, नोडल अधिकारी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ने बताया कि जिला और ब्लॉक स्तर पर विभिन्न तरह के आयोजन किए जा रहे है। आईईसी अभियान में जनपद और ब्लॉक स्तर पर नुक्कड़ नाटक, स्ट्रीट थिएटर रैली -मैराथन, पोषण से संबंधित मेला, खेल प्रतियोगिता, ग्रुप मीटिंग, फ्लिप बुक, पोस्टर के माध्यम से जागरूकता फैलाई गई।
इसके साथ ही आगामी होने वाले कार्यक्रमों में आचार्य संहिता को ध्यान में रखते हुए अभियान की तैयारी की जा रही है। आईईसी के माध्यम से बढ़ चढ़कर जन जागरूकता फैलाई जा रही है। जिससे उक्त योजना में ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सके। जिला प्रोग्राम अधिकारी अम्बरीश दिृवेदी ने बताया की अभियान में जनपद के 15 ब्लाको में लाभार्थियों को लाभ देने के लिए राजिस्ट्रेशन कार्य किया गया। जिसमें ब्लॉक बेनिकोडर 200, बंकी 36, दरियाबाद 119, देवा 103, फतेहपुर 52, हैदरगढ़ 69, हरख 40, मसौली 59, निंदूरा 22, पूरेडलई 121, रामनगर 22, सिद्धौर 56, सिरौलीगौसपुर 93, सूरतगंज 42, त्रिवेदीगंज 78, अर्बन नवाबगंज बाराबंकी 9 पंजिकृत किया गया । राज्य स्तर से नामित नोडल अधिकारी दीपक कपूर बाराबंकी जिले में होने वाली जागरूकता गतिविधियों की मानीटरिंग कार्य कर रहें है।
प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के लाभ
जिला प्रोग्राम अधिकारी ने बताया कि किसी भी परिवार में पहली बार गर्भवती हुई महिला को अच्छा स्वास्थ्य और सही खानपान देने के लिए सरकार द्वारा किस्तों में सहायता राशि दी जा रही है। सहायता राशि प्राप्त करने के लिए योजना की शर्तें हैं। प्रथम 1000 की किस्त के लिए किसी भी सरकारी स्वास्थ्य इकाई पर 150 दिनों के अंदर पंजीकरण आवश्यक है। जिसमें आवेदन प्रपत्र 1 ए, एमसीपी कार्ड, पहचान प्रमाण पत्र, बैंक खाते की पासबुक जरूरी है। दूसरी 2000 की किस्त के लिए कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच कराना जरूरी है। इसमें गर्भावस्था के 180 दिन के बाद आवश्यक दस्तावेजों के जमा करने पर भुगतान किया जाता है, जिसमें आवेदन प्रपत्र 1 बी और एमसीपी कार्ड की कॉपी लगती है। तीसरी 2000 की किस्त शिशु के जन्म के बाद उसका पंजीकरण कराने पर दी जाती है। इसमें शिशु के प्रथम चक्र का टीकाकरण होेने के बाद आवश्यक दस्तावेजों के जमा करने पर भुगतान किया जाता है। जिसमें आवेदन प्रपत्र 1 सी, एमसीपी कार्ड, आधार कार्ड और शिशु जन्म प्रमाण पत्र की कॉपी लगती है।