रविवार, 10 मार्च 2019 की सुबह इथियोपिया में इथियोपियन एयरलाइंस का बोइंग 737 मैक्स 8 विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से चार भारतीयों समेत 157 लोगों की मौत हो गई थी। ये दुर्घटना विमान के उड़ान भरने के करीब छह मिनट बाद ही हो गई थी। उस वक्त विमान की ऊंचाई 8600 फीट और रफ्तार 441 किमी प्रतिघंटा थी। पांच महीने में बोइंग के इसी मॉडल का दूसरा प्लेन क्रैश होने से पूरी दुनिया में इसका इस्तेमाल कर रही एयरलाइन कंपनियों में हड़कंप मचा हुआ है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि ये हादसा किन वजहों से हुआ और क्या इन हादसों को रोका जा सकता था।
इथियोपिया क्रैश के बाद 18 से ज्यादा देशों ने इन विमानों की उड़ान पर रोक लगा दी है, जबकि कई देशों ने इन विमानों के लिए अपना एयर स्पेश भी बंद कर दिया है। इससे पहले इंडोनेशियाई कंपनी लॉयन एयर का इसी मॉडल का नया विमान जकार्ता में अक्टूबर 2018 में क्रैश हुआ था। इस विमान हादसे में भी 189 लोगों की मौत हुई थी। खास बात ये है कि क्रैश होने वाले ये दोनों विमान एकदम नए थे। सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार अगर समय रहते विमान में आ रही तकनीकी खामियों पर ध्यान दिया जाता तो इन हादसों को शायद टाला जा सकता था।
पायलटों ने पहले भी दर्ज कराई थी शिकायत
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका में बोइंग 737 मैक्स विमान उड़ाने वाले पायलटों ने उड़ान के दौरान फेडरल डाटाबेस में इस विमान की तकनीकी खामियों की शिकायत दर्ज कराई थी। फेडरल डाटाबेस में उन्होंने उड़ान के दौरान विमान में आने वाली दिक्कतों का जिक्र पहले ही कर दिया था। इसी तरह की एक शिकायत में विमान के कैप्टन ने तकनीकी खराबी की सूचना देते हुए बताया था कि ऑटोपायलट विमान को नीचे की तरफ ले जा रहा है।
इसी तरह की दूसरी शिकायत में विमान के प्रथम अधिकारी ने बताया था कि प्रस्थान के बाद ऑटोपायलट लगाने पर विमान की नाक (अगला हिस्सा) नीचे की तरफ जाने लगा। इसके बाद उस पायलट ने विमान का ऑटोपायलट बंद कर दिया और मैन्युअली विमान को उसके गंतव्य तक ले गया था। मालूम हो कि इथियोपिया में क्रैश हुए विमान में भी अंतिम क्षणों पर इसी तरह की खामी रिकॉर्ड की गई थी। इससे करीब पांच माह पहले बोइंग के इसी मॉडल का लॉयन एयर का विमान भी ठीक ऐसी ही खामी की वजह से क्रैश हुआ था।
दोनों दुर्घटनाओं की कड़ी जोड़ने से मिलेंगे अहम सुराग
सीएनएन के अनुसार उसके पास मौजूद डाटाबेस से पायलट या उसकी एयरलाइंस कंपनी की पहचान नहीं हो पा रही है। मालूम हो कि अमेरिका में तीन एयरलाइंस, अमेरिकन एयरलाइंस, यूनाइटेड फ्लाइस और साउथवेस्ट एयरलाइंस यात्री विमान के तौर पर बोइंग 737 मैक्स 8 मॉडल के विमानों का इस्तेमाल करती हैं। मालूम हो कि इथियोपियन एयरलाइंस विमान क्रैश की जांच को अभी बहुत कम समय हुआ है। अभी फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और दुर्घटना स्थल से प्राप्त कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) का भी अभी विश्लेषण नहीं किया गया है। इस विश्लेषण से आसानी से पता लगाया जा सकता है कि बोइंग 737 मैक्स 8 के दोनों विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने के बीच किस तरह की समानताएं हैं। इससे दोनों दुर्घटनाओं की कड़ी जोड़ने में मदद मिलेगी।
FAA ने भी नहीं लगाई रोक
मंगलवार को इथियोपियन एयरलाइंस के सीईओ टेवोल्डे गेबेरियम ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया में दिए एक बयान में बताया था कि रविवार को बोइंग 737 मैक्स 8 क्रैश से ठीक पहले पायलट ने बताया था कि विमान को निंयंत्रित करने में समस्या आ रही है। रविवार को हुए हादसे के बाद दुनिया के ज्यादातर देशों ने बोइंग 737 मैक्स 8 या मैक्स 9 या दोनों मॉडल के विमानों की उड़ान पर रोक लगा दी है। हालांकि, फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने अब तक इन विमानों की उड़ान पर रोक नहीं लगाई है।
अमेरिका में जारी है उड़ान
साउथवेस्ट एयरलाइंस की पायलट यूनियन के अनुसार ये विमान पूरी तरह से सुरक्षित हैं। एसोसिएशन का कहना है कि वह इन विमानों को उड़ाना जारी रखेंगे। मालूम हो कि साउथवेस्ट एयरलाइंस के पास अन्य अमेरिकी एयरलाइंस कंपनियों की तुलना में इस मॉडल के सबसे ज्यादा 34 विमान हैं। अमेरिकन एयरलाइंस के पास इस मॉडल के 24 और यूनाइटेड फ्लाइस के पास 14 विमान हैं। तीनों विमान कंपनियों ने फिलहाल इस मॉडल के विमानों की उड़ान पर रोक नहीं लगाई है।
जानें किन-किन देशों में बैन हो चुका है बोइंग 737 मैक्स 8
इथियोपिया के अलावा अब तक भारत, ब्रिटेन, सिंगापुर, चीन, मेक्सिको, ब्राजील, अर्जेटीना, फ्रांस, आयरलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका, ओमान, मोरक्को, मंगोलिया और मलेशिया समेत कई देश बोइंग 737 मैक्स 8 की सेवा को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित कर चुके हैं।