नई दिल्ली : आगामी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव के मद्देनजर गुरुवार को निर्वाचन आयोग ने देशभर में नियुक्त किए जाने वाले पर्यवेक्षकों की दिनभर की बैठक आयोजित की। इसमें 1800 वरिष्ठ अधिकारी आईएएस, आईपीएस और भारतीय राजस्व सेवा और केंद्रीय सेवाओं के अधिकारी शामिल थे। इन्हें राज्यों में सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया जाएगा। इस अवसर पर केंद्रीय चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने अधिकारियों से कहा कि समय के साथ चुनाव से जुड़ी चिंताएं भी बदल रही हैं। ना केवल धन और बल के दुरुपयोग का विषय है बल्कि सोशल मीडिया भी एक नई चुनौती के तौर पर सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का कर्तव्य न सिर्फ स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराना है बल्कि पारदर्शी चुनाव कराना भी है।
चुनाव आयुक्त ने कहा कि उन्हें पूरी तरह से सजग होकर काम करना होगा ताकि कोई गलती पेश न आए। हाल ही में हुए राज्य विधानसभा चुनावों का उदाहरण देते हुए अरोड़ा ने कहा कि छोटी-छोटी गलतियां जैसे देरी, ईवीएम गड़बड़ी और मतों की गिनती संबंधी विभिन्न विषयों के चलते आयोग के सभी बेहतर प्रयासों को नजरअंदाज कर दिया गया। इस दौरान अधिकारियों को दिन भर के सत्रों में चुनाव प्रबंधन से जुड़े विभिन्न विषयों से अवगत कराया गया। चुनाव आयोग ने पहली बार पर्यवेक्षक ऐप की शुरुआत की है। इसमें सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षक आयोग को सुरक्षित ढंग से अपनी रिपोर्ट और संबंधित दस्तावेज भेज सकते हैं। इसमें पर्यवेक्षकों को नियुक्ति एवं कार्य से संबंधित महत्वपूर्ण नोटिफिकेशन, अलर्ट और अर्जेंट मैसेज मिलेंगे। इसके अलावा उनकी नियुक्ति, आईडी और प्रोफाइल संबंधी जानकारी भी इनके माध्यम से अपडेट होगी।