केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को नागपुर में कहा कि राजनीति में आने के लिए क्वालिटी की जरूरत नहीं होती है। टॉप करने वाला अधिकारी बनता है, जबकि फेल होने वाला मंत्री बन जाता है। गडकरी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह प्रधानमंत्री की कुर्सी की दौड़ में शामिल नहीं हैं।
पिछले कुछ महीनों से बयानों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो मेरिट में आता है, वह आईएएस और आईपीएस बनता है। जो सेकेंड डिवीजन पास होता है, वह चीफ इंजीनियर बनता है, लेकिन जो तीन बार फेल होता है, वह मंत्री बन जाता है।
नागपुर के सांसद गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बातें कही।उन्होंने कहा कि वह झूठे आश्वासन नहीं देते और ईमानदारी एवं पारदर्शिता जैसे मूल्य लंबी दौड़ में काम आते हैं।
मैंने राजनीति को करियर नहीं चुना
राजनीति में करियर बनाने के लिए जरूरी गुणों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा कि राजनीति सामाजिक-आर्थिक सुधारों का जरिया है। मैंने राजनीति को कभी अपने करियर के तौर पर नहीं चुना। मेरे शुरुआती दिनों से ही मैं राजनीति को सामाजिक एवं आर्थिक सुधार का जरिया मानता रहा हूं, जिसके जरिए मैं देश, समाज एवं गरीबों के लिए कुछ कर सकता हूं। राजनीति में किसी गुण की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनीति ईमानदारी से की जानी चाहिए।
जो मैं बोलता हूं, वो मैं करता हूं
गडकरी ने कहा कि वह झूठे आश्वासन नहीं देते और जब मैं कहता हूं कि मैं करूंगा तो मैं करता हूं…और अगर नहीं कर सकता तो साफ कह देता हूं कि नहीं कर सकता। ईमानदारी, पारदर्शिता, धैर्य, गुण और काम को लेकर प्रतिबद्धता जैसे मूल्य लंबी दौड़ में काम आते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति एक प्रतिस्पर्धा का क्षेत्र है, जहां लोगों की आकांक्षाओं के मुताबिक काम करना पड़ता है।