वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने शनिवार को कहा कि सरकार ने अगले दो साल में 100 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) जुटाने का लक्ष्य तय किया है। 16 अरब डॉलर के वालमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे के बल पर 2018 में भारत ने कुल 38 अरब डॉलर का एफडीआई जुटाकर दो दशक में पहली बार इस मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया।
चीन ने 2018 में 32 अरब डॉलर एफडीआइ हासिल किया है। पिछले साल अगस्त में फ्लिपकार्ट में हुआ वालमार्ट का करीब 16 अरब डॉलर निवेश देश में अब तक का सबसे बड़ा एफडीआइ है। अन्य प्रमुख एफडीआइ सौदों के तहत यूनीलिवर ने 31,700 करोड़ रुपये से अधिक में जीएसके के भारतीय उपभोक्ता कारोबार को खरीद लिया। इसके अलावा श्नाइडर इलेक्टिक, टीपीजी कैपिटल, केकेआर, सॉफ्टबैंक और अलीबाबा ने भी देश में एफडीआइ सौदे किए।
प्रभु ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम में कहा कि हमने पिछले साल रिकॉर्ड एफडीआइ हासिल किया। हमने एक लक्ष्य तय किया है और हम 2020 तक 100 अरब डॉलर का एफडीआइ लाने के लिए काम कर रहे हैं। सरकार एफडीआइ जुटाने के लिए विभिन्न सेक्टरों का विश्लेषण कर रही है और विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए उपयुक्त नीति बनाने की तैयारी कर रही है। कार्यक्रम में रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल भी पहुंचे थे।
प्रभु ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 330 अरब डॉलर का रिकॉर्ड तोड़ निर्यात होगा। 2014 में भारत ने 323 अरब डॉलर का निर्यात किया था, जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। उन्होंने कहा कि मैं हालांकि चालू वित्त वर्ष में संभावित रिकॉर्ड निर्यात से खुश नहीं हूं। हमारा निर्यात और अधिक होना चाहिए। इससे रोजगार में भी बढ़ोतरी होगी। कारोबारी सहूलियत के साथ सरकार निवेश सहूलियत पर भी ध्यान दे रही है।